औरंगाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 12 साल के एक बच्चे को 15 दिनों में 3 बार सांप ने का’ट लिया। तीनों ही बार बच्चे का इलाज कराया गया और वो ठीक हो गया। घटना मुफफ्सिल थाना क्षेत्र का है। यहां के रहनेवाले रंजीत भगत का 12 साल का बेटा नीरज बार-बार सांप के काटे जाने से परेशान है। परिवार में डर का आलम यह है कि उसे जहानाबाद में उसकी बुआ के घर भेज दिया गया है।
2 से 13 जुलाई के बीच 3 बार हुई घटना
बच्चे के दादा फेकन भगत ने बताया कि 2 जुलाई को घर के बाहर ही नीरज को एक विशाल करैत सांप ने काट लिया था। नीरज के चीखने पर लोग पहुंचे तब तक सांप चला गया। यह पहली बार था, जब लोगों ने बच्चे को काटने वाले सांप को देखा।
बच्चा उधर चीख-चीख कर बेहोश हो गया। आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल औरंगाबाद ले जाया गया। डॉक्टरों ने इलाज के बाद उसे गया के मगध मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां से इलाज के बाद लौटने पर 2 दिन बाद ही फिर से उसे खेलने के दौरान सांप ने काट लिया। हालांकि इस बार कोई उसे देख नहीं सका। बच्चे का कहना है कि वो वही सांप था। इस बार घरवालों ने वहीं झाड़-फूंक कराया और बच्चे को ठीक हुआ मान लिया गया।
लोगों ने सांप को मारने से कर दिया मना, कुछ दिनों बाद फिर से काटा
बच्चे के दादा के अनुसार उस सांप को हमने एक-दो बार देख भी लिया था, लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि बच्चे को सांप बार-बार काट रहा है। कुछ कारण जरूर होगा, सांप को मत मारो।
छत पर सोते समय तीसरी बार का’टा सांप
ठीक 8 दिन बाद 13 जुलाई को नीरज को फिर से सांप ने का’ट दिया। इस दफा वह अकेले छत पर सो रहा था। तभी तेज आवाज कर चिल्लाने लगा कि वो काले वाले सांप ने काट लिया। बोलते-बोलते वह बेहोश हो गया। थोड़े ही देर में मुंह से झाग निकलने लगा। इस बार फिर परिवार के लोग उसे सदर अस्पताल ले गए। इलाज के बाद वह ठीक हो गया।
सांप के दहशत से परिजनों ने बच्चे को गांव से बाहर किया
सांप काटने का यह मामला पूरे इलाके में फैल गया। लोगों ने कहा कि बच्चे को कुछ दिनों के लिए बाहर भेज दिया जाए। इसके बाद ही परिवार वालों ने बच्चे को जहानाबाद में उसकी बुआ के घर भेज दिया गया। सोमवार को खबर आई कि बच्चे के शरीर में ऐंठन हो रही है। लोगों का कहना है कि वह काफी डर गया है। इसलिए ऐसी हरकत कर रहा है।
यह ओफीडियो फोबिया है
यह ओफीडिओ फोबिया है। इसमें डर लगता है, कि सांप काट लेगा। सांप नहीं हाेता है, फिर भी सांप का डर होता है। डिप्रेशन भी एक बड़ा कारण हो सकता है। इसमें काउंसलिंग और कभी कभी एंटी डिप्रेसिव मेडिसिन दी जाती है। डर से नींद नहीं आने पर मेडिसिन दिया जाता है। वैसे काउंसलिंग से ठीक हो जाता है। यह संभव ही नहीं है। ऐसा तभी संभव है जब उस सांप को पालकर रखा जाए। यह बच्चे के दिमाग का डर है। ऐसे बच्चों को मनोचिकित्सकों को से दिखाना चाहिए।
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