मुजफ्फरपुर शहर में नल जल योजना से पाइप बिछाने के लिए काटी गई सड़क का फिर से निर्माण नहीं कराने के कारण नगर निगम के चार सहायक अभियंताओं के वेतन पर रोक लगा दी गई है। नगर निगम के जलकार्य के काम से बुडको के इंजीनियर भी जुड़े हैं। इसलिए नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बुडको के कार्यपालक अभियंता को भी सहायक अभियंताओं के वेतन भुगतान को रोकने के लिए पत्र लिखा है।
नगर निगम शहर में 42 करोड़ रुपये से नल जल की योजनाओं का काम करा रहा है। इसमें करीब 15 करोड़ रुपये का भुगतान भी ठेकेदारों को किया गया है। बगैर रोड बनाए ही ठेकेदार को पेमेंट के लिए इंजीनियरों को दोषी माना जा रहा है। पाइप के लिए शहर में गली मोहल्लों की करीब 150 किमी. में सड़क को ठेकेदारों ने काटकर छोड़ दिया है। जिसकी मरम्मत अब तक नहीं हो पायी है।
बरसात में काटी गई सड़कों पर मिट्टी से कीचड़ हो गया। इससे मोहल्ले के लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। बड़ी संख्या में बिछाये गये पाइप से घरों में पानी का कनेक्शन नहीं दिया गया है। लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। ठेकेदारों को पेमेंट के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिलने की शिकायत वार्ड पार्षद कर रहे हैं।
वार्ड 12 में चार जगहों पर सबमर्सिबल पंप और पाइप लाइन लगाए गए हैं लेकिन लोगों को पानी का कनेक्शन नहीं दिया गया है। इसके लिए बोर्ड की बैठक में भी हंगामा किया गया। बताया गया कि प्रत्येक वार्ड में औसतन पांच से छह किमी. में पाइप लाइन, तीन से चार सबमर्सिबल पंप और जल मीनार निर्माण के काम हैं। इस योजना से वार्ड के सभी घर में पानी मुहैया कराना है। लेकिन, स्थिति यह है योजना से पोषित 30 प्रतिशत से अधिक घरों में पानी का कनेक्शन नहीं पहुंचा है।
पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़क को काटकर छोड़ दिए जाने की लगातार शिकायतें मिल रहीं थी। बोर्ड की बैठक में इसको लेकर हंगामा हो चुका है। इसके मद्देनजर सहायक अभियंताओं के वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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