भीषण गर्मी के प्रको’प के कारण बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित अभिभावकों ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि या तो स्कूलों के समय में बदलाव किया जाए या गर्मियों की छुट्टियां निर्धारित समय से पहले शुरू की जाएं। गर्मी और कोविड के मामलों को देखते हुए अनेक स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों को कम कर दिया गया है। बच्चों के माता-पिता का दावा है कि इतनी भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय बच्चों के लिए सही नहीं है।
हरियाणा सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि पूरे प्रदेश में गर्मी के प्रको’प को देखते हुए सभी निजी और सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा के लिए समय सुबह 7 से 12 बजे तक होगा। हालांकि, अभी दिल्ली में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार ने धूप में, विशेष रूप से दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है, लेकिन दिल्ली में अधिकतर स्कूलों का समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक है। उन्होंने कहा कि बच्चे तीन बजे तक घर पहुंचते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि गर्मी के सबसे भीषण दौर से वे गुजरते हैं जो वाकई खतरनाक है। हम दिल्ली सरकार से अनुरोध करते हैं कि या तो दूसरे राज्यों की तरह स्कूलों का समय बदलें या गर्मियों की छुट्टियां पहले ही शुरू कर दें।
देश भर में भीषण गर्मी के बीच, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया था कि वे पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं और आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता के लिए अपनी स्वास्थ्य सुविधा की समीक्षा करें, जबकि पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करें और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शीतलन उपकरणों के कामकाज को जारी रखें।
दिल्ली के तापमान में 46 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी के साथ देश के बड़े इलाकों में भीषण गर्मी ने पारा चढ़ा दिया है। दिल्ली ने 72 वर्षों में अपना दूसरा सबसे गर्म अप्रैल महीना भी दर्ज किया, जिसमें मासिक औसत अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस था।
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