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मुजफ्फरपुर नगर निगम का बजट पारित नहीं हुआ तो ठ’प हो सकती शहर की सफाई

मुजफ्फरपुर : चालू वित्तीय वर्ष का बजट पारित नहीं होने से नगर निगम में वित्तीय संक’ट की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। बजट पारित नहीं होने के कारण वेतन भुगतान में बाधा उत्पन्न होने पर शुक्रवार को कर्मचारी ने काम ठ’प कर दिया। अब शहर की सफाई ठप होने वाली है। बिना बजट पारित निगम प्रशासन सफाई वाहनों के ईंधन पर होने वाले खर्च का भुगतान नहीं कर सकता है। भुगतान नहीं होने पर इंधन आपूर्तिकर्ता ईंधन देने से इन्कार कर सकता है।

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इस बाबत नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि निगम का बजट पारित नहीं होने के कारण परेशा’नी हो रही है। इसके कारण कर्मचारियों के वेतन एवं मजदूरों के पारिश्रमिक भुगतान में परेशानी हो रही है। सफाई वाहनों के ईंधन पर हर माह 60 लाख रुपये का भुगतान करना होता है। बजट जब तक पास नहीं होता ईंधन मद में भुगतान नहीं हो सकता। किसी भी नई योजना पर काम नहीं हो पा रहा है।

19 अप्रैल को नगर निगम बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए बजट को रखा गया था लेकिन उसके आगे के लिए टाल दिया गया था। बात बिगड़ते देख महापौर ने बजट पर चर्चा के लिए 29 अप्रैल को बैठक बुलाई थी लेकिन बाद में बैठक को आगे बढ़ाकर पांच मई को कर दिया गया है। देखना है कि पांच मई को बैठक होती या नहीं।

ईद पर्व को देखते हुए वेतन भुगतान की मांग करने जब कर्मचारी संघ के नेता एवं कर्मी शुक्रवार को नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के पास पहुंचे। तब नगर आयुक्त ने बजट पारित नहीं होने की बात कहते हुए वेतन भुगतान से इन्कार कर दिया। इससे कर्मचारी भड़क गए और कार्य बहि’ष्कार करते हुए निगम कार्यालय में तालाबं’दी कर दी और नगर आयुक्त के समक्ष जमकर प्रद’र्शन किया। इससे निगम कार्यालय के तीन घंटे तक कार्य पूरी तरह से ठप रहा।

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नगर आयुक्त ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया। बजट पारित नहीं होने की मजबूरी बताई, लेकिन कर्मचारी कोई भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे। बाद में नगर आयुक्त ने कर्मचारी नेताओं अशोक कुमार सिंह, सुशील कुमार, सत्येंद्र कुमार सिंह, रामलखन सिंह आदि को बुलाकर वार्ता की। कर्मचारियों के आक्रो’श को देखते हुए नगर आयुक्त ने वेतन भुगतान का चेक काटा तब कर्मचारी माने और कार्यालय का काम-काज शुरू हो पाया।

कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना था कि समय पर बजट पास नहीं होने के लिए कर्मचारी जिम्मेवार नहीं हैं। ईद जैसे पूर्व पर मुस्लिम कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने पर निराशा होती। इसके लिए उन्होंने बाध्य होकर आंदोलन करना पड़ा। कर्मचारियों ने बाद में वेतन भुगतान का चेक काटने पर नगर आयुक्त को धन्यवाद दिया।

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