बिहार की राजधानी पटना धीरे-धीरे गड्ढों का शहर बनने के साथ ही हाद’सों का नगर भी बनती जा रही है। नमामि गंगे परियोजना ने राजधानी का क्या हाल बना रखा है यह बात किसी से छिपी नहीं है। सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क, यह किसी की समझ में नहीं आता है। कई इलाकों में गड्ढे खुदे हुए हैं और लोग जान हथेली पर रखकर आने-जाने को मजबूर हैं। कई जगहों पर नमामि गंगे परियोजना के तहत काम पूरा हो गया।
संबंधित एजेंसी ने सड़क का निर्माण भी कर दिया, लेकिन सड़क पर बने मैनहोल पर ढक्कन रखना एजेंसी भूल चुकी है, लिहाजा आए दिन दुर्घ’टनाएं हो रही हैं। कई मामलों तो लोग गं’भीर रूप से ज’ख्मी हो रहे हैं। मामला पटना के वॉर्ड नंबर 56 से आया है जहां एक महिला सड़क से गुजरते हुए खुले मैनहोल में सीधे जा गि’री।
घट’ना के बाद मौके पर अ’फरा-त’फरी मच गई। वहां जितने लोग मौजूद थे उन सभी ने महिला को 7 से 8 फीट गहरे नाले से बाहर निकाला। महिला को गंभी’र चो’ट आई। मिली जानकारी के अनुसार महिला का नाम किस्मतिया देवी बताया जाता है जो स्थानीय निवासी है। यह सारी घट’ना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
स्थानीय लोगों की मानें तो वार्ड नंबर 56 में NMCH से लेकर मलिया महादेव जला रोड में ऑटो और चार पहिया वाहनों के आते जाते रहने के कारण पैदल चलने वाले लोगों को बहुत समस्या आ रही है। लोग शॉर्ट कट अपनाने की वजह से और सड़क पर ध्यान नहीं रखने की कारण हा’दसों के शि’कार हो रहे हैं। सबसे बड़ी लाप’रवाही संबंधित एजेंसी की है जो अपना काम करना भूल गई है।
पटना सिटी में गुरुवार को गड्ढे में गिरने से 2 साल के बच्चे की मौ’त हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद सरकारी एजेंसियां भी लाप’रवाह बनी हुई है। राजधानी पटना में जगह-जगह बने गड्ढे हर रोज हा’दसे के गवाह बन रहे हैं, और मौजूदा स्थिति को देखकर यही लगता है कि पटनावासियों की यह नियति बन चुकी है।
Be First to Comment