पटना के लोगों पर महंगाई की मा’र एक बार फिर से पड़ सकती है। दरअसल, पेट्रोल, सीएनजी और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच यहां ऑटो-रिक्शा और बस किराए में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वालों को तग’ड़ा झट’का लग सकता है। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन सोमवार को इसका प्रस्ताव देने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा।
ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन-बिहार के महासचिव राजकुमार झा ने रविवार को बताया कि बसों और ऑटो-रिक्शा के किराए में 30 फीसदी बढ़ोतरी का मांग रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार प्रस्ताव को खारिज भी कर देती है, तो भी ऑटो-रिक्शा और बसों के किराए में बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह है पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी उछाल, जिसके बाद हमारे लिए अपने वाहन चलाना असंभव हो गया है।
अगर ऑटो-रिक्शा और बसों के किराए में वास्तव में 30 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है, तो एक यात्री को गांधी मैदान से रेलवे स्टेशन जाने के लिए 13 रुपये और पटना के गांधी मैदान से दानापुर जाने के लिए 39 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं अभी गांधी मैदान से पटना जंक्शन का वर्तमान किराया 10 रुपये और गांधी मैदान से दानापुर का किराया 30 रुपये है। दूसरे रूट पर भी इसी के तहत यात्री किराये में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है।
बिहार ऑटो-चालक संघ के महासचिव ने कहा की ईंधन की कीमतों में बार-बार बढ़ोतरी के साथ, घरेलू सामान, रसोई गैस और हर चीज की कीमत में इजाफा हुआ है। सरकार गरीब लोगों के बारे में सोचे बिना ईंधन पर वैट और उत्पाद शुल्क वसूलती है।
गाड़ियों के परिचालन और रखरखाव लागत बढ़ गई है जिस कारण से ड्राइवर को आर्थिक रूप से मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर परिवहन आयुक्त अगले 10 दिनों में जवाब नहीं देते हैं, तो हम दुबारा प्रस्ताव भेजेंगे। अगर तब भी कोई जवाब नहीं आया तो हम खुद ही किराया बढ़ाने के लिए मजबूर होंगे।
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