विधान परिषद में बिहार में जलज’माव की स्थिति और नदियों के तल में गाद जमा होने की सम’स्या से जुड़े प्रश्नों का जवाब देते हुए जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि राष्ट्रव्यापी गाद प्रबंधन नीति शीघ्र बने इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्ष 2017 से ही राज्य में गाद की सम’स्या के निवारण का मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्होंने लगातार केंद्र सरकार से एक व्यापक राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने की मांग कई दफे की है।
झा ने विधान परिषद में अपने वक्तव्य में कहा की मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से प्रभावी राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति तैयार करने के अनुरोध पर जल शक्ति मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2021 में ‘नेशनल फ्रेमवर्क फॉर सेडिमेंट मैनेजमेंट’ का प्रारूप उपलब्ध कराया गया था, जिसका अध्ययन कर विभागीय मंतव्य गठित करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
विधान पार्षद सर्वेश कुमार से प्राप्त गैर सरकारी संकल्प के उत्तर में संजय कुमार झा ने कहा कि राज्य में अबतक 1.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जलजमाव से मुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में नदियों के तल में गाद जमा होने से भी प्रवाह बाधित होने के कारण जलजमाव की समस्या बढ़ी है। गाद प्रबंधन नीति के क्रियान्वयन से बिहार के बड़े इलाके में जलजमाव का समाधान होगा।
वहीं, विधान पार्षद रामचंद्र पूर्वे के गै’र सरकारी संकल्प के उत्तर में जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बिहार कार्यपालिका नियमावली 1979 में जल संसाधन विभाग को जल निकासी के कार्य का अधिदेश प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि जल निकासी आयोग बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वहीं मधुबनी के तीन बंद चीनी मिलों को खोलने के अपने गैर सरकारी संकल्प को प्रेम चंद्र मिश्रा ने वापस नहीं लिया, जिसके बाद उसे ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया गया।
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