स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधानसभा में गुरुवार को घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और बहुत बड़ा तोहफा दिया है। बिहार के सभी राशन कार्डधारी परिवारों का प्रति वर्ष पांच लाख तक का मुफ्त इलाज होगा। फिलहाल राज्य के साढ़े पांच करोड़ लोगों को इसका लाभ मिल रहा था। अब बिहार सरकार अपनी राशि से इसका लाभ चार करोड़ और लोगों को देगी।
मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत राज्य के लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं अब राज्य के नये 85 लाख परिवारों को मिलेगी। इन्हें यह सुविधा राज्य सरकार अपने खर्च से उपलब्ध कराएगी। अप्रैल में शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष 2022-23 से यह सुविधा मिलने लगेगी।स्वास्थ्य विभाग के 2022-23 के आय-व्यय पर विधानसभा में हुए वा’द-विवा’द के बाद स्वास्थ्य मंत्री अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के एक करोड़ नौ लाख परिवार के सदस्यों को आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष पांच लाख तक की चिकित्सा सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है। इन लाभार्थियों की सूची में राज्य के 85 लाख राशन कार्डधारी परिवार बाहर थे, जिन्हें आयुष्मान योजना की तर्ज पर ही चिकित्सा सुविधा राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी।
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड महा’मारी ने विश्व, देश और बिहार के समक्ष गंभी’र चुनौ’तियां रखीं, लेकिन देश के साथ-साथ बिहार ने भी इन चुनौ’तियों को अवसर में बदलने का कार्य किया है। 2020 विधानसभा चुनाव, ईद, दशहरा, होली और छठ महापर्व आदि को सफलता पूर्वक संपन्न कराया गया और आज बिहार मॉडल की चर्चा पूरे देश में की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रतिदिन 488 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित हो गई है। कोविड के दौरान एक दिन में सबसे अधिक 230 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी। राज्य में 122 जगहों पर यह सुविधा बहाल कर दी गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत कोरोना ड्यूटी के दौरान मृ’त्यु की स्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख देने का प्रावधान है। इसके तहत बिहार के 101 स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को 50-50 लाख बीमा राशि का भुगतान किया गया है। मंत्री के भाषण पर असंतोष जाहिर करते हुए विपक्षी सदस्यों ने वॉकआ’उट किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि मुंगेर और मोतिहारी में भी नये मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की स्थापना की जाएगी। 150 एमबीबीएस नामांकन क्षमता के ये होंगे। इसके पहले 11 नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना प्रक्रियाधीन है। विभाग के वर्ष 2022-23 के लिए 16 हजार 134 करोड़ के बजट की स्वीकृति दी गई।
मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट और गांवों में 35 मिनट में मरीजों तक एंबुलेंस पहुंचेगी। यह व्यवस्था अगले तीन माह के अंदर शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए एक हजार एंबुलेंस की खरीद की प्रक्रिया जारी है। वर्ष 2020-25 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के अंतर्गत गांव-गांव तक लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।मुख्यमंत्री के इस प्रयास से जो बाकी बचे 85 लाख परिवार को यह सुविधा मिल पाएगी। राज्य सरकार अपनी राशि से यह सुविधा देगी। यह बहुत बड़ा फैसला है। इस साल इस पर 125 करोड़ खर्च का अनुमान है
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