पिछले दिनों हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पाया गया कि बिजली कंपनी का न केवल आम उपभोक्ता बल्कि सरकारी महकमों पर भी करोड़ों बकाया है। बिजली बिल जमा नहीं करने पर अब आम आदमी की तरह ही सरकारी संस्थानों की भी बिजली गुल होगी। बिजली कंपनी ने इसकी कार्ययोजना बना ली है। सरकार के विभिन्न विभागों पर बकाया 506 करोड़ की वसूली के लिए कंपनी ने तय किया है कि अब सरकारी महकमों की भी बिजली काटी जाए, ताकि वसूली में तेजी आए। मिली जानकारी के मुताबिक, 506 करोड़ ब’काया की रिपोर्ट सामने आने पर कंपनी ने इसे गंभी’रता से लिया। बैठक में तय किया गया कि जिन-जिन सरकारी संस्थानों पर बिजली बिल बकाया है, उनकी बिजली गुल की जाए। अभी छिटपुट तरीके से सरकारी महकमों की बिजली काटी भी जा रही है। इसे अभियान के तौर पर अब शुरू किया जाएगा।
बता दें, कंपनी ने तय किया है कि सभी सरकारी संस्थानों की बिजली वृहद स्तर पर काटी जाए। एक दिन में जितना हो सके, बिजली काटने का अभियान चलेगा। कंपनी की कोशिश है कि 31 मार्च के पहले अधिकाधिक बका’या राशि की वसू’ली हो जाए।
ख़बरों के अनुसार, बिजली कंपनी का सबसे अधिक बका’या लघु जल संसाधन पर है। इसके बाद शिक्षा विभाग, नगर विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, श्रम संसाधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि विभागों पर बका’या है।जैसा ही सभी जानते हैं, सरकार के स्तर पर बिजली बिल भुगतान की पूरी राशि विभागों को दी जाती है। लेकिन विभागीय कर्मी इसकी उपेक्षा करते हैं। बजट होने के बावजूद सक्षम पदाधिकारी बिजली बिल भुगतान की प्रक्रिया को अंजाम नहीं देते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि विभागों पर बिजली कंपनी का बका’या करोड़ों में हो जाता है। बकाया वसूली के लिए पूर्व के वर्षों में भी इस तरह का अभियान चलाया जाता रहा है। बताया गया कि जब तक बिजली नहीं का’टी जाती, संबंधित विभाग बकाया राशि का भुग’तान ही नहीं करते हैं।
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