बड़ी खबर: बिहार के गांवों की गलियों और चौक-चौराहों के लिए सरकार उठा रही हैं खास कदम जिससे गांवो को अंधेरों से निजात मिलेगा। इसमें बड़ी खबर यह है कि पंचायत प्रतिनिधि सोलर लाइट लगाने को लेकर दखल नहीं देंगे। एजेंसी के द्वारा स्थल चयन कर लाइट लगाया जाएगा। इस काम की देखरेख ब्रेडा द्वारा किया जाएगा।
आगामी 15 अप्रैल से सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू हो जाएगा। गांवों में लगाए जाने वाले स्ट्रीट लाइट में दूरस्थ सूचना प्रणाली भी लगाई जाएगी, ताकि इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सके। इसके माध्यम से सोलर स्ट्रीट लाइट की ठीक से निगरानी की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार, योजना को लेकर मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सोलर स्ट्रीट लाइट की निर्माण इकाई को राज्य में ही स्थापित करने के लिए उद्यमियों को प्रेरित करें, ताकि सोलर लाइट के उपकरणों का उत्पादन भी यहीं हो। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले।
ख़बरों के मुताबिक, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि राज्य के सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य बिहार रिन्युएबल डेवलपमेंट एजेंसी ही करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ब्रेडा को यह कार्य सौंपा गया है। 15 अप्रैल से ब्रेडा लाइट लगाने का काम शुरू कर देगी। इसके लिए ब्रेडा सभी प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर लेगी।इस संबंध में विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को भी पत्र भेजा है, जिसमें उन्हें कहा गया है कि पंचायत प्रतिनिधि उक्त कार्य को नहीं करेंगे। जिलाधिकारी अपने स्तर से यह सुनिश्चित कराएंगे। हर वार्ड में दस लाइट, 1 लाख 10 हजार वार्ड होंगे रौशन।
बता दें, मुख्यमंत्री ने इस योजना को लेकर दस फरवरी को समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्होने निर्देश दिया था कि 15 अप्रैल से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू कर दें। शहरों की तर्ज पर गांव की गलियों और चौराहों को रोशन रखने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत राज्य के एक लाख दस हजार वार्डों में यह कार्य होगा। हर वार्ड में दस लाइटें लगाई जाएंगी। ब्रेडा के माध्यम से लाइट लगाने वाली एजेंसी का चयन होगा। लाइट लगाने वाली एजेंसी ही इसका अगले पांच वर्षों तक रख-रखाव भी करेगी।
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