पटना: आधुनिक समय में महिलाएं हर क्षेत्र में कदम-से-कदम मिला कर चल रही हैं। ऐसे में कई ऐसी संस्थाएं हैं जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्तिकरण करने में जुटी हैं। ऐसा ही सराहनीय काम पटना की संध्या सिन्हा कर रही हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई और दिल्ली जैसी महानगरी की चकाचौंध को छोड़कर संध्या सिन्हा आज पटना में रहकर महिलाओं को मिथिला पेंटिंग, क्रोशिया, सिलाई, बुनाई, के माध्यम से रोजगार देने का काम कर रही है। वे महिलाओं की प्रेरणा हैं। सुबह पांच बजे से रात के दस बजे तक महिलाओं को हुनरमंद बनाने में लगी रहती है। साथ ही, वे कोरोना काल में भी महिलाओं को रोजगार देने का काम गृहस्थी के माध्यम से कर रही हैं। बता दें, राजधानी के गांधी मैदान इलाके में घरेलू महिलाओं के हुनर को बाजार देने के लिए गृहस्थी कला केन्द्र खोला है। सिक्की कला, मधुबनी पेंटिंग, क्रोशिया, जूट, बांस, केले के रेशे से बने सामान और इम्ब्रॉडरी कला में महिलाएं साड़ियां, सूट्स, दुपट्टा, झोले, कुशन कवर, स्टोल बनाकर दे रही हैं।महिलाओं द्वारा बनाए गये उत्पाद अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, तर्की सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजे जा रहे हैं। संध्या सिन्हा का मानना हैं कि महिलाओं के उत्पाद को बाजार देने के लिए इस तरह के आऊटलेट खुलने चाहिए। महिलाओं के हुनर को बाजार देने की बहुत जरूरत है। इन महिलाओं को खादी के उत्पाद पर अपनी कला से आकर्षक बनाना चाहिए। खादी सिर्फ फैशनेबल नहीं बल्कि दिनचर्या का हिस्सा बनेगा, तभी बुनकर, कतिन और महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
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