बिहार: आए दिन श’राब के मामले बढ़ते जा रहे हैं, श’राबबंदी कानून का पालन उतनी कड़ाई से नहीं होता दिख रहा हैं। इसलिए श’राब के धंधे पर रोक लगाने को लेकर जिलों में एंटी लीकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स की जिम्मेदारी खासकर ग्रामीण इलाकों में होनेवाले श’राब के अ’वैध कारोबार पर लगाम लागने की होगी।जिला पुलिस के अधीन बनने वाली इस विशेष फोर्स का गठन कुछ इस तरह किया जाएगा कि यह बड़ी कार्रवाई करने में सक्षम हो सके। डीजीपी एसके सिंघल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों को एएलटीएफ का गठन करने का आदेश दिया है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक हर जिले में अच्छी खासी संख्या में एंटी लीकर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। डीजीपी द्वारा जिलों को कम से कम 5-6 ऐसी टीम का गठन करने को कहा गया है। हर टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर रैंक के अफसर करेंगे। इसके अलावा इसमें सब-इंस्पेक्टर, जिला सशस्त्र बल के 4 जवान और मद्यनिषेध विभाग से संबंद्ध किए गए 10 होमगार्ड को नियुक्त किया जाएगा।
जिलों के एसपी एएलटीएफ के गठन का आदेश जारी करेंगे। आदेश में टास्क फोर्स के मद्यनिषेध संबंधि दायित्वों के साथ टीम के सभी सदस्यों का नाम और मोबाइल नंबर भी अंकित रहेगा। टीम के गठन का जो आदेश जारी होगा उसकी एक कॉपी आईजी मद्यनिषेध को भी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। एंटी लीकर टास्क फोर्स की हर एक टीम को जिले के ग्रामीण थाना से टैग किया जाएगा। जिस थाना से टीम टैग होगी उसके साथ संयुक्त रूप से श’राब के निर्माण और बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
हालांकि एएलटीएफ को स्वतंत्र रूप से भी कार्रवाई की छूट दी गई है। टीम अपनी सूचना पर खुद भी कार्रवाई कर सकती है, इसके लिए उसे किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। वर्तमान समय में जिलास्तर पर एक एंटी लीकर टास्क फोर्स काम कर रही है। पर हाल के दिनों में जह’रीली श’राब से हुई मौत के बाद प्रत्येक जिले में 5-6 टीमों का गठन करने का आदेश दिया गया है। इन्हें खासकर ग्रामीण इलाकों में देसी श’राब के अ’वैध धं’धे को रोकने की जिम्मेदारी दी जाएगी। ताकि ग्रामीण इलाकों में चोरी-छुपे श’राब बनाने के धं’धे पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

श’राबबंदी कानून में सख्ती, नितीश सरकार ने बनाया नया प्लान
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