राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। एक और सभी जिलों में कोरोना के संदिग्ध और संक्रमित लोगों की निगरानी के लिए पांच अलग-अलग मॉनिटरिंग कोषांग बनाए जाएंगे।वहीं दूसरी ओर राज्य में लॉक डाउन को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया जाएगा।
सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों आरक्षी अधीक्षकों प्रमंडलीय आयुक्तों सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर सरकार के इन फैसलों की जानकारी दी। इसके बाद मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य के प्रधानसचिव, गृह विभाग के अपर मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक समेत दूसरे अन्य विभागों के प्रधान सचिवों के साथ बैठक कर कई अन्य आवश्यक कदम उठाने पर विमर्श किया।
उच्च स्तरीय बैठकों के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में अब तक कोरोना के तीन संक्रमित व्यक्ति मिले हैं जबकि करीब साढ़े पांच सौ लोगों को संदेह के आधार पर होम आइसोलेशन में भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में 31 मार्च तक लॉक डाउन किया गया है। लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए अब पुलिस बल का प्रयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बड़ी समस्या कोरोना संदिग्ध और संक्रमित लोगों की मॉनिटरिंग है। इसके लिए जिलास्तर पर पांच अलग-अलग कोषांग बनाए जाएंगे। ये सभी कोषांग जिलाधिकारी की अध्यक्षता में काम करेंगे। उन्होंने कहा क्वॉरेंटाइन सेंटर और क्वॉरेंटाइन में रखे गए संक्रमित व्यक्तियों की मॉनिटरिंग के लिए दो अलग-अलग सेल होंगे इसके साथ ही आइसोलेशन वार्ड और आइसोलेशन किए गए लोगों पर निगाह रखने के लिए भी दो कोषांग होंगे।
पांचवां कोषांग संक्रमित की ट्रैवल्स हिस्ट्री तैयार करने और इस जानकारी को इकट्ठा करने के लिए होगा।
प्रधानसचिव ने बताया कि एक फैसला यह भी हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों को क्वारन्टीन सेंटर बनाया जाएगा। यदि ग्रमीणों को किसी व्यक्ति पर संदेह है तो उस व्यक्ति को स्कूल में बने क्वारन्टीन सेंटर ने रखा जाएगा। इस सेंटर की निगरानी गांव के मुखिया, वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता की जिम्मेदारी होगी।
राज्य के सभी एसपी की अध्यक्षता में एक इनफॉर्मेंट सेल बनाने का फैसला भी आज की बैठक में हुआ है। पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि यह सेल राज्य में लागू लॉक डाउन की समीक्षा कर रिपोर्ट सरकार को देगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी एसपी लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटे के भीतर राज्य में सभी बस, हवाई सेवा, रेल सेवा पूरी तरह बंद हो जाएंगी। सड़कों पर आसानी से कोई भी व्यक्ति नहीं निकल पाएगा। सिर्फ आपात सेवा के लिए ही राज्य वासी सड़कों पर निकल सकेंगे।
कोरोना को लेकर सरकार का बड़ा फैसला अब जिला में कोरोना के पॉजिटिव और संदिग्ध मामलों की निगरानी के लिए पांच अलग-अलग तरह की सेल गठित की जाएंगी। इधर दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में संदिग्ध मरीजों को गांव के सरकारी स्कूल में रखने का निर्णय लिया है। सरकारी स्कूलों को क्वारन्टीन सेंटर बनाने के सरकार ने निर्देश दिए हैं।
सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार स्वास्थ्य के प्रधान सचिव संजय कुमार के स्तर पर विभिन्न विभागों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे पुलिस बल का प्रयोग करते हुए लॉक डाउन को प्रभावी बनाएं । डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा अगले 24 घंटे के अंदर बिहार में तमाम बसों ट्रेन हवाई उड़ान पर रोक लगा दी जाएगी आज ही से सरकार के आदेश को प्रभावी बनाने की कवायद शुरू कर दी गई।
दूसरे राज्यों में लॉकडाउन की वजह से फंस गए प्रवासी बिहारी मजदूरों पर सरकार की नजर है। श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को बताया कि श्रम अायुक्त को इस बारे में निर्देश दिया गया। कोरोना वायरस को ले बने नियंत्रण कक्ष के नंबर के साथ-साथ कोई भी व्यकि्त उनके या विभाग के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के मोबाइल पर इसकी सूचना दे सकता है।
श्रम मंत्री ने बताया कि सोमवार को कोलकाता िस्थत जूट मिल में काम कर रहे मजदूरों के बारे में यह सूचना मिली कि पांच सौ के करीब बिहारी मजदूर वहां फंसे हुए हैं। तुरंत इस बारे में पशि्चम बंगाल के श्रम अायुक्त से बात की गयी।
श्रम संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर कुमार ने बताया कि पशि्चम बंगाल के अधिकारी बताए हुए अनन्या जूट मिल तक पहुंचे। जानकारी यह मिली कि वहां बिहार के सात मजदूर फंसे हुए थे। उनकी समस्या यह थी कि उनके पास भोजन-पानी को कुछ नहीं था। उनकी मदद की गयी है। उन लोगों से बात हुई है अौर वे अब ठीक हैं।
श्रम मंत्री ने कहा कि अन्य प्रदेशों में रह रहे प्रवासी बिहारी मजदूरों के बारे में भी बात हुई है। दिल्ली में बिहार भवन िस्थत श्रम विभाग के दफ्तर से इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। दिल्ली के साथ-साथ पंजाब अौर हरियाणा में भी बड़ी संख्या में बिहारी मजदूर हैं। वे किसी भी तरह की सहायता के लिए वहां संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बड़ी समस्या कोरोना संदिग्ध और संक्रमित लोगों की मॉनिटरिंग है। इसके लिए जिलास्तर पर पांच अलग-अलग कोषांग बनाए जाएंगे। ये सभी कोषांग जिलाधिकारी की अध्यक्षता में काम करेंगे। उन्होंने कहा क्वॉरेंटाइन सेंटर और क्वॉरेंटाइन में रखे गए संक्रमित व्यक्तियों की मॉनिटरिंग के लिए दो अलग-अलग सेल होंगे इसके साथ ही आइसोलेशन वार्ड और आइसोलेशन किए गए लोगों पर निगाह रखने के लिए भी दो कोषांग होंगे। पांचवां कोषांग संक्रमित की ट्रैवल्स हिस्ट्री तैयार करने और इस जानकारी को इकट्ठा करने के लिए होगा।
प्रधानसचिव ने बताया कि एक फैसला यह भी हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों को क्वारन्टीन सेंटर बनाया जाएगा। यदि ग्रमीणों को किसी व्यक्ति पर संदेह है तो उस व्यक्ति को स्कूल में बने क्वारन्टीन सेंटर ने रखा जाएगा। इस सेंटर की निगरानी गांव के मुखिया, वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता की जिम्मेदारी होगी।
राज्य के सभी एसपी की अध्यक्षता में एक इनफॉर्मेंट सेल बनाने का फैसला भी आज की बैठक में हुआ है। पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि यह सेल राज्य में लागू लॉक डाउन की समीक्षा कर रिपोर्ट सरकार को देगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी एसपी लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटे के अंदर बस, ट्रेन और हवाई यात्राएं पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। सड़कों पर आसानी से कोई भी व्यक्ति नहीं निकल पाएगा। सिर्फ आपात सेवा के लिए ही राज्य वासी सड़कों पर निकल सकेंगे।
Source: Jagran
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