कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज के लिए रेलवे ने पटना में खास तैयारी की है। पटना जंक्शन के करबिगहिया साइड स्थित रेलवे हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए 10 बेड वाला स्पेशल आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। डॉ. श्यामल दास ने कहा कि इस वार्ड में सभी जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट और सुविधाएं मौजूद हैं। एक कंट्रोल रूम बनाया गया है साथ ही एक नोडल ऑफिसर को तैनात किया गया है।
मास्क-सेनेटाइजर की कमी, कोरोना का खौफ कायम रहा तो बढ़ेंगी कीमतें
देश में कोरोना वायरस मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने हैंड सेनेटाइजर और मास्क ( दो लेयर, तीन लेयर, सर्जिकल मास्क और एन-95) को अवाश्यक वस्तु में शामिल करने की अधिसूचना जारी की है। अब अगर हैंड सेनेटाइजर और मास्क की कोई कालाबाजारी करता है, तो उस पर दोष सिद्ध होने पर सात साल तक की जेल हो सकती है। इस समय देश में हैंड सेनेटाइजर और मास्क की कालाबाजारी के चलते कमी पैदा कर दी गई है। अब लोगों को आसानी से दोनों चीजें मिलेंगी।
दूसरी तरफ, कोरोना वायरस का खतरा जारी रहा, तो जांच किट, उपकरण, सैनेटाइजर, मास्क आदि की कीमतों में इजाफा हो सकता है। हालांकि दवा की कीमतों पर फिलहाल इसका असर नहीं है। सैनेटाइजर और मास्क तो अब भी बाजार से गायब हैं। गिने-चुने मेडिकल शॉप में ऊंची कीमत वसूली जा रही है। हालांकि अभी डिस्ट्रीब्यूटर और लैब वालों के पास कुछ दिनों का स्टॉक है। स्टॉक खत्म होने पर उन किट, उपकरण और अन्य सामग्री की कीमत में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। विभिन्न बीमारियों की जांच के लिए चीन में निर्मित होने वाली किट, उपकरण, मास्क, सैनिटाइजर के अलावा पैथोलॉजिकल जांच की अधिकांश सामग्री का आयात बंद हो गया है।
मास्क और सेनेटाइजर गायब
राजधानी पटना सहित अन्य इलाकों के मेडिकल स्टोर से मास्क और सेनेटाइजर अभी भी गायब हैं। तीन और चार लेयर वाले ब्रांडेड मास्क कहीं नहीं मिल पा रहे हैं। कुछ स्टोर पर लोकल मास्क उपलब्ध तो है, पर उसे ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है। आम तौर पर 15 से 20 रूपए कीमत वाले लोकल मास्क 90 से 150 रूपए तक में बेचे जा रहे हैं। चार लेयर वाले एन 95 मास्क के नाम पर भी लोकल मास्क 200 से 400 रुपए तक में बिक रहे हैं। ब्रांडेड मास्क थोक स्टोर में भी उपलब्ध नहीं है। थोक बाजार में अलग अलग अल्कोहल की मात्रा वाले सेनेटाइजर की भी भारी कमी हो गई है। दवा कारोबारियों के मुताबिक सेनेटाइजर की डिमांड छह गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है पर आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
सजा के प्रावधान से दूर होगी आवश्यक वस्तु की किल्लत
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पूर्व सचिव संतोष कुमार ने कहा कि हैंड सेनेटाइजर और मास्क को आवश्यक वस्तु में शामिल होने और सजा का प्रावधान होने से बाजार से इसकी किल्लत दूर होगी। वहीं, गीतांजलि लैब के डॉ. सुशांतो मुखर्जी का कहना है कि चीन में तमाम बीमारियों की जांच के लिए किट बनती है और वे सस्ती होती हैं। इसलिए इसका लैब वाले इस्तेमाल करते हैं।
चीन से नहीं आ रही है तो अमेरिका या फिर अन्य देशों से किट खरीदी जा सकती है। जांच रेट नहीं बढ़ना चाहिए। रैनबैक्सी के फ्रेंचाइजी किशन खेमका का कहना है कि हमारे यहां चीन में निर्मित किट आदि इस्तेमाल नहीं होता। इसलिए हमलोगों के यहां रेट में कोई वृद्धि नहीं होगी। फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप चौरसिया ने बताया कि मास्क और सेनेटाइजर की डिमांड बढ़ गई है। आपूर्ति नहीं होने से थोक बाजार में भी कमी है।
Source: Bhaskar
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