मुजफ्फरपुर : सुहागिनों का सबसे प्रिय व्रत हरितालिका तीज गुरुवार को जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। इसके लिए सुहागिनों ने 24 घंटे का निर्जला उपवास रखा।
व्रत के लिए सुहागिन महिलाएं कई दिनों से तैयारी कर रही थीं। सभी को इसका बेसब्री से इंतजार था। सुबह होते ही महिलाएं तैयार होने लगीं। इस बार हरितालिका तीज पर व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से ही शुरू हो गया, जो 8 बजकर 33 मिनट तक था। इसके अलावा, प्रदोषकाल में हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त का समय शाम को 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक था।
इस कारण अधिकतर घरों में महिलाएं सुबह ही सज-धज कर तैयार हो गयीं। इस दौरान उन्होंने हरितालिका तीज की व्रत कथा सुनी। यह कथा भगवान शंकर से विवाह करने के लिए मां पार्वती की पूजा से संबंधित है। व्रत कथा सुन सभी ने भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की।
पूजा के बाद सभी ने सुहाग की चीजें दान भी की। व्रत के दौरान महिलाओं ने काफी सावधानियां भी बरतीं। व्रत की एक-एक चीजें पहले से तैयार की गयी थीं। इसके लिए फल भी पहले ही मंगवा लिये गये थे। अब पूरे दिन व्रत के बाद महिलाएं रातभर जागरण करेंगी। इसके बाद शुक्रवार की सुबह पूजा कर प्रसाद वितरण करने के बाद ही महिलाएं पारण करेंगी।
हरितालिका तीज का व्रत बेहद कठिन होता है। ऐसी मान्यता है कि व्रत रखने वाली महिलाओं को रात को नहीं सोना चाहिए। इस व्रत के दौरान पूरी रात को जागरण किया जाता है।
इस दौरान भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और अर्चना की जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई महिला व्रत के दिन सो जाती है, तो वह अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेती हैं।
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