नई दिल्ली
भारत में कोरो’ना वायरस के अब तक 83 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें दो लोगों की मौ’त हो चुकी है। इसके बढ़ते प्रसार के बीच केंद्र सरकार ने COVID-19 को आ’पदा घोषित करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यह फैसला इसलिए किया गया है ताकि पीड़ितों को स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड यानी SDRF के अंतर्गत आर्थिक मदद दी जा सके।
कोरोना आपदा घोषित, मृ’तकों के परिजनों को मुआवजा भी
Coronavirus को आपदा घोषित करते ही केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि इस वायरस के चपेट में आए लोगों की अगर मौ’त हो जाती है तो उनके परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इनमें उन लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान शामिल है जिनकी मौत कोरोना राहत अभियान या उससे जुड़ी गतिविधि के कारण हुई हो।
Home Ministry: Rs 4 lakh will be paid as ex-gratia to the family of the person who will lose their life due to #Coronavirus, including those involved in relief operations or associated in response activities. https://t.co/duQCN1yVP7
— ANI (@ANI) March 14, 2020
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘सरकार ने COVID-19 को आपदा की तरह लेने का फैसला किया है ताकि एसडीआरएफ के अंतर्गत सहायता उपलब्ध कराई जा सके।’ इसने आगे कहा, ‘कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी जिनमें वो लोग भी शामिल हैं जिनकी मौ’त राहत अभियान से या इससे जुड़ी गतिविधि में हुई हो।’
चीन के वुहान से फैली इस महामारी से दुनियाभर में 5000 से अधिक लोगों की मौ’त हो चुकी है। भारत ने उस वक्त ही इसके खिलाफ तैयारी शुरू कर दी थी जब दिसंबर के आखिरी में चीन में इसके छिटपुट मामले सामने आए थे। इसी का नतीजा है कि भारत दुनिया का पांचवां देश बन चुका है जिसने WHO द्वारा घोषित वैश्विक महामारी (PANDEMIC) को आइसोलेट यानी अलग-थलग करने में सफलता अर्जित कर ली है। भारत से पहले चीन, जापान, थाइलैंड औऱ अमेरिका वायरस को आइसोलेट करने में सफल रहा है।
Source: Navbhar
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