पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की प्रत्याशी बीमा भारती पर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि जो हमको छोड़कर जाता है, उसका गड़बड़ हो जाता है। हमने जिसे (बीमा भारती) को लगातार विधायक बनाया, वो सांसद बनने के लिए भाग गईं, लेकिन लोकसभा का चुनाव जीत नहीं पाईं। जिन लोगों को इज्जत दी वो चले गए। अब भाग गए तो जाने दीजिए। नीतीश ने दावा किया कि रूपौली उपचुनाव में जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) के उम्मीदवार कलाधर मंडल की जीत होगी। इस दौरान उन्होंने पुराने समय की याद दिलाते हुए लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल पर भी निशाना साधा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रूपौली में जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के समर्थन में शनिवार को चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान डिप्टी सीएम और बूीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा समेत अन्य नेता मौजूद रहे। अपने भाषण में सीएम नीतीश ने कहा कि रूपौली में उपचुनाव क्यों हो रहा है, यह सभी जानते हैं। बीमा भारती को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जिसको हम लगातार विधायक बनवा रहे थे, तीन बार एमएलए बनीं। मगर इस बार एमपी (सांसद) बनने के लिए हम लोगों को छोड़कर भाग गईं। वह एमपी तो नहीं बन पाईं और लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से तीसरे नंबर पर रहीं।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अब जो सीट खाली हो गई है, वहां पर फिर से बीमा भारती लड़ने के लिए आ गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे (बीमा भारती को) राज्य सरकार में मंत्री तक बनाया। कुछ बोलने नहीं आता था, फिर भी आगे बढ़ाया। फिर भी वो भाग गई। उन्होंने आगे कहा कि पूर्णिया से सांसद रहे संतोष कुशवाहा दो बार लोकसभा चुनाव जीते, लेकिन इस बार हार गए। फिर वे मेहनत कर रहे हैं और काम कर रहे हैं। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टी वाले यहां आकर बहुत कुछ बोलते हैं। मगर लोगों के ध्यान में रहे कि 2005 से पहले क्या हालात थे।
बीमा भारती के पाला बदलने से रूपौली विधानसभा सीट खाली हो गई, जिसपर अब उपचुनाव हो रहे हैं। जेडीयू ने 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़े कलाधर मंडल को टिकट दिया है। वहीं, आरजेडी ने यहां से दोबारा बीमा भारती को ही मैदान में उतारा है। 10 जुलाई को यहां विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होगा। अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है, ऐसे में यह उपचुनाव एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।
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