लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की दो सीटों पर हमनाम उम्मीदवारों ने वोटर्स के बीच कंफ्यूजन पैदा कर दी है। काराकाट लोकसभा सीट पर सीपीआई माले के प्रत्याशी राजाराम सिंह कुशवाहा मैदान में हैं। यहां से राजाराम सिंह नाम के ही एक अन्य उम्मीदवार ने भी निर्दलीय पर्चा भरा, जिनका चुनाव चिह्न गैस चूल्हा है। इसी तरह बक्सर में भी आरजेडी से सुधाकर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर इसी नाम से एक अन्य उम्मीदवार भी मैदान में है।
काराकाट और बक्सर लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है। इन दोनों सीटों पर एक ही नाम के एक से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वे न सिर्फ खुद के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं, बल्कि मतदाताओं के बीच भ्रम भी पैदा कर रहे हैं। काराकाट में सीपीआई माले के समर्थक राम मनोहर सिंह का कहना है कि इससे चुनाव में कुछ हद तक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए ने साजिश के तहत महागठबंधन के उम्मीदवार के हमनाम वाले प्रत्याशी को लड़ाकर वोटरों के बीच कंफ्यूजन पैदा करने की कोशिश की है।
काराकाट लोकसभा सीट पर सीपीआई माले कैंडिडेट राजाराम सिंह कुशवाहा का मुकाबला एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा से है। वहीं, भोजपुरी स्टार पवन सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। बक्सर लोकसभा सीट की बात करें तो महागठबंधन से आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे एवं विधायक सुधाकर सिंह मैदान में हैं। उनके खिलाफ एनडीए से बीजेपी के टिकट पर मिथिलेश तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि बक्सर में सुधाकर मिश्रा नाम से एक निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में है, जिससे आरजेडी की टेंशन बढ़ गई है।
बक्सर लोकसभा सीट से पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा भी चुनाव लड़ रहे हैं। आईपीएस की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला लिया था लेकिन बीजेपी ने इस चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया। अब वे निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं और मजबूती से एनडीए एवं महागठबंधन को टक्कर दे रहे हैं। खास बात यह है कि आनंद मिश्रा नाम से एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी बक्सर से चुनावी मैदान में है। इससे पूर्व आईपीएस को भी अपने वोट कटने का खतरा सता रहा है।
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