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तिमुल मुजफ्फरपुर डेयरी द्वारा ‘गिफ्ट मिल्क प्रोग्राम’ का हुआ शुभारंभ

मुजफ्फरपुर में सदातपुर मध्य विद्यालय के प्रांगण में एनडीडीबी फाउंडेशन फॉर न्यूट्रीशन एवं शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के तहत तिमुल मुजफ्फरपुर डेयरी द्वारा ‘गिफ्ट मिल्क प्रोग्राम’ का शुभारंभ हुआ। रंजीत कुमार एवं नजीर आलम द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया।

क्रार्यक्रम में उपस्थित एनडीडीबी के प्रतिनिधि प्रबंधक स्मृति सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि शिपिंग कॉरपोरेशन द्वारा यह कार्यक्रम बच्चों में व्याप्त कुपोषण से निवारण के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं से बच्चों के स्वास्थ्य के हित में गिफ्ट मिल्क द्वारा उपलब्ध कराए गए दूध का नियमित सेवन कराने की आवश्यकता पर बल दिया। मौके पर लगभग 200 विद्यार्थियों को पलेवर्ड मिल्क पिलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई जो एक वर्ष तक जारी रहेगा। बच्चों में खुशी का अहसास देखने लायक था। उपस्थित ग्रामीणों द्वारा भी कार्यक्रम की सराहना की गई।

वहीं शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि कुणाल ने आगंतुक शिक्षकों को धन्यवाद् ज्ञापित करते हुए आग्रह किया कि बच्चों के विकास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम की सफलता से सामाजिक विकास के बहुत सारे कार्यक्रमों के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि तिमुल एक मात्र ऐसी संस्था है जो घी में सोनपापड़ी एवं गुलाबजामुन बनाती है इसका लुत्फ हमारे उपभोक्ताओं को निर्भिक होकर उठाना चाहिए।

प्रभारी विपणन उमाकान्त ठाकुर ने कहा कि दूध प्रत्येक आयु वर्ग के लिए अनिवार्य पोषक आहार है। सुधा तिमुल द्वारा उत्पादित दूध एवं प्रोडक्ट की शुद्धता एवं स्वच्छता के गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उत्पादन होता है जिसका उपयोग बिना किसी शंका के किया जा सकता है।

सुधा तिमुल द्वारा अपने सात जिलों (मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, शिवहर, गोपालगंज, बेतिया एवं सिवान) के गाँवों से दुग्ध समितियों के माध्यम से दूध लिया जाता है। दूध का पाश्चुराइजेशन के उपरांत बिटामीन ए एवं डी फोर्टिफिकेशन के पश्चात् उपभोक्ताओं के उपयोग के लिए बाजार में भेजा जाता है ताकि उपभोक्ताओं को दूध के साथ-साथ बिटामीन ए एवं डी का लाभ भी मिलें।

साथ ही स्वाद एवं स्वास्थ्य दोनों को हित में रखते हुए मिठाईयों एवं नमकीन का रेंज भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे शहरी उपभोक्ताओं से प्राप्त राशि गांवों के दूध उत्पादकों को दूध के दाम के रुप में साप्ताहिक रुप से उपलब्ध कराकर दूध उत्पादन को घरेलु उद्योग के रुप में विकसित करते हुए दुग्ध उत्पादकों का आणंद पद्धति की समितियों के माध्यम से आर्थिक एवं सामाजिक विकास सुनिश्चित की जा सके।

वर्तमान में संघ को औसतन प्रतिदिन लगभग 3.0 लाख लीटर दूध संग्रहण हो रहा है। जो प्रतिदिन दूध-दही एवं अन्य प्रोडक्ट के रूप में बिक्री हेतु बाजार में उपलब्ध है। उन्होंने कुछ ब्रांडों द्वारा सुधा के प्रति फैलाए जा रहे अफवाहों से बचते हुए निर्भिक होकर दूध-दही एवं अन्य उत्पादों का उपयोग करने की सलाह दी जिससे तिमुल संघ द्वारा चलाये जा रहे ग्रामीण विकास का यह कार्यक्रम पूर्ण हो सके।

मौके पर प्राथमिक विद्यालय बंझीला के प्राधानाध्यापक रंजीत कुमार, प्राथमिक विद्यालय बारमतपुर के शकील अंसारी, मुसहर, प्राथमिक विद्यालय सदात्तपुर के शोभा सिंह, मध्य विद्यालय बारमतपुर के जयनेन्द्र प्र० सिंह तथा सदातपुर मध्य विद्यालय के मो० नजीर आलम सहित दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया।  साथ ही, तिमुल के संजय कुमार सिंह, संजीव कुमार, विकास कुमार, मंतोष, राजा सहित दर्जनों कार्यक्रर्ता भी उपस्थित रहे।

 

 

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