MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : मुजफ्फरपुर जिला जलीय संसाधन से परिपूर्ण है। यहां कुल पोखरों का क्षेत्रफल 12,650 हेक्टेयर, आर्द्र भूमि 4000 हेक्टेयर, मन 2500 एवं नदियां 432 किलोमीटर में फैली हुई हैं। जिला में कुल उत्पादन 28.50 हजार मैट्रिक टन जबकि खपत। 34. 20 हजार मेट्रिक टन, संभावनाएं 44.80 मीट्रिक टन उत्पादन की है।जिला में उपलब्ध जलीय संसाधन, वर्तमान उत्पादन, उत्पादन क्ष’मता एवं मांग में अं’तर के कारण यहां मछली पालन के क्षेत्र में स्वरो’जगार की असीम संभावनाएं हैं।
मत्स्य उत्पादन में जिले एवं राज्य को आत्मनि’र्भर बनाने हेतु राज्य एवं केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है यथा: नए तालाबों का निर्माण योजना, आर्द्रभूमि का विकास योजना, उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन योजना, उन्नत इनपुट की योजना, मछली- सह- मुर्गी पालन की योजना, मत्स्य बीज निर्माण हेतु हैचरी की योजना, मत्स्य विपणन की योजना इत्यादि 40 से 90% अनुदानित दर पर क्रियान्वित हैं जिसका लाभ कृषक बंधु एवं शिक्षित बेरोजगार स्वरोज’गार सृजन के लिए ले सकते हैं। मुजफ्फरपुर की कुल आबा’दी का 06 लाख लोगों की जी’विका मत्स्य पालन पर निर्भ’र करती है।
मत्स्य पालन के क्षेत्र में मत्स्य पालकों को लागत पूंजी के रूप में 60000 प्रति एकड़ की दर से किसान क्रे’डिट कार्ड की सुविधा बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रावधान भी कराया गया है। जिले के किसान एवं शिक्षित बेरो’जगार सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषक हितकारी योजनाएं एवं मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेकर इससे व्यवसाय के रूप में अपनाकर स्वरो’जगार सृ’जन कर सकते हैं एवं स्वयं तथा राज्य को आर्थिक समृ’द्धि की ओर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी टुनटुन सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 2019-20 के तहत ताजी मछली की उपलब्धता हेतु 90% अनुदा’नित दर पर 49 वाहनों का वितरण अनुसूचित जाति एवं अति पिछड़े व्यक्तियों के लिए किया गया है। 40% अनुदा’नित दर पर निजी कृषकों के जमीन पर मत्स्य उत्पादन हेतु 30 हेक्टेयर जल क्षेत्र के नए तालाबों का निर्माण कराया गया है। जिला के मछुआ बंधुओं के लिए 28 पक्का मकान के निर्माण हेतु 1.20 लाख प्रति यूनिट की दर से राशि उपलब्ध कराई गई है।
मत्स्य कार्य में सक्रिय 23000 मछुआ बंधुओं का बी’मा कराया गया है। समेकित मत्स्य पालन में मत्स्य पालन का ख’र्च कम करने हेतु प्रायो’गिक तौर पर 8 एकड़ में मछली-सह- मुर्गी पालन का भी कार्य कराया गया है। मत्स्य कृषकों को किसान क्रे’डिट कार्ड के माध्यम से वित्तपो’षण कराने हेतु कुल 350 आवेदन प्राप्त कर विभिन्न बैंकों को प्रेषित की जा चुकी है। योजनांतर्गत 1.50 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से बैंकों के द्वारा मत्स्य पालन हेतु ऋण उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में 500 कृषकों को मत्स्य पालन हेतु नई तकनिकी के साथ मत्स्य पालन करने हेतु प्रशि’क्षित किया गया है।
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