बिहार: नए साल आने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में आप परिवार, दोस्त या पार्टनर के साथ किसी बेहतरीन जगह जाने का प्लान बना रहे हैं तो इससे अच्छा मौका आपको दोबारा नहीं मिलेगा। दरअसल इस साल दिसंबर का 30 और 31 तारीख शनिवार और रविवार को है। इस बार गोवा, शिमला, मनाली, नैनीताल, कश्मीर घूमने नहीं जा पा रहे हैं तो ऐसे में आप बिहार के ही बेतहरीन टूरिस्ट स्पॉट को एक्सप्लोर सकते हैं। यहां आपको प्राचीन मंदिर से लेकर जंगल सफारी तक घूमने का मौका मिलेगा।
नए साल मनाने के लिए पटना बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यहां पर एक से बढ़कर एक टूरिस्ट प्लेस है। अंग्रेजों के जमाने का बना 236 साल पुराना गोलघर, गांधी मैदान, बुद्ध स्मृति पार्क, मनेर शरीफ है। वहीं धार्मिक स्थलों पर जाना चाहते हैं तो हनुमान मंदिर, इस्कॉन टैंपल, पटना साहिब गुरुद्वारा है। इसके अलावा पटना क बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में संजय गांधी जैविक उद्यान, तारामंडल, दीघा घाट है।
पटना से करीब 150 किलोमीटर दूर सासाराम स्थित है। यह शहर ऐतिहासिक किलों की वजह से जानी जाती है। इसके अलावा यहां की नेचर ब्यूटी आपको मंग्नमुग्ध कर देगी। दोस्त या पार्टनर के साथ घूमने के लिए यहां कई स्पॉट है। जिनमें से पहले नंबर पर है शेरशाह सूरी का मकबरा, ऐतिहासिक इमारतों को शौकीनों को ये बेहद पसंद आएगा। इसके अलावा सासाराम का रोहतासगढ किला भी है। वहीं एडवेंचर लवर के लिए जंगल के बीचों-बीच तुतला भवानी वॉटरफॉल, धुआं कुंड और मझर कुंड है। अक्सर इन स्थानों पर लोग पिकनिक मनाने आते हैं।
सारण, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर वालों के लिए घूमने के लिए वैशाली बेस्ट ऑप्शन है। खास बात यह है कि यह हिंदू धर्म के अलावा जैन और बौद्ध धर्म के लिए भी खास है। यहां के पर्यटन स्थलों की बात करें तो बौद्ध स्तूप, महावीर जन्मस्थली, नेपाली छावनी मंदिर, कोनाहर घाट, पातालेश्वर मंदिर, बटेश्वर मंदिर, वैशाली पुरात्व संग्रहालय और चौमुखी महादेव मंदिर है।
अगर शिमला और गोवा का मजा बिहार में उठाना है तो बांका बेस्ट है। दरअसल यहां एडवेंचर के लिए ओढ़नी डैम और मंदार पर्वत है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों में मां तिलडीहा शक्तिपीठ, ओढ़नी डैम, बाबा ज्येष्ठगौर नाथ है। मदराचंल की चट्टानों पर सैकड़ों साल पुरानी प्रतिमा, गुफाएं, मंदिरों समेत कई अवशेष देखने को मिल जाते हैं। समय-समय पर खुदाई के दौरान यहां से प्राचीन वस्तुएं मिलती रहती हैं।
पश्चिमी चंपारण में स्थित बिहार के इकलौते टाइगर रिजर्व हैं। इसे वाल्मिकि नगर टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है। यहां एक से बढ़कर एक खतरनाक जानवर आपको देखे को मिल जाएंगे। एक समय यहां 45 बाघ रहते थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 54 हो गई है। 800 वर्ग में फैले इस टाइगर रिजर्व में 54 स्तनधारी, 250 किस्म की पक्षी, 13 प्रकार के उभयचर और 26 प्रकार के सरीसृप रहते हैं। यहां नवबंर से मार्च तक घूमने का बेस्ट टाइम होता है।
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