पटना: पांच राज्यों के चुनाव में केवल तेलंगाना से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर हैं। तेलंगाना में अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है। इस बीच तेलंगाना के भावी मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का विवादित बयान सामने आया है। दरअसल, एक इंटरव्यू में रेवंत रेड्डी ने कहा था कि उनका डीएनए तेलंगाना वाला है जबकि केसीआर (पूर्व मुख्यमंत्री) का डीएनए बिहार का है। रेड्डी ने आगे यह भी कह दिया कि उनका डीएनए केसीआर के डीएनए से बेहतर है। बता दें कि केसीआर मूल रूप से बिहार के कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं और उनके परिवार ने तेलंगाना पलायन किया था। वहीं बीजेपी ने रेवंत रेड्डी के बयान की कड़ी निंदा की है।
बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा है कि यह उत्तर भारतीयों का अपमान है। कांग्रेस की सोच देश को बांटने वाली है। भारत और भारतीयों को नीचा दिखाने में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बता दें कि बिहार के लिए डीएनए विवाद नया नहीं है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीएनए को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद नीतीश कुमार ने खुला खत लिख दिया।
चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के बयान को बिहार के स्वाभिमान से जोड़ दिया था। नीतीश कुमार ने अपने खत में लिखा था कि मोदी जी, आपने जो बयान दिया है उससे बिहार और यहां के लोगों के सम्मान को धक्का पहुंचा है। एक चुनावी रैली में नीतीश कुमार ने कहा था कि किसके डीएनए की बात कर रहे हैं? मैं कौन हूं? ये बिहार के डीएनए पर उंगली उठाई गई है…। इसके बाद बिहार के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने डीएनए जांच के लिए अपने नाखून और बाल के नमूने पीएमओ भेजने शुरू कर दिया था।
अब देखना यह है कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल के रेवंत रेड्डी ने बिहार के डीएनए पर बयान दिया है तो नीतीश कुमार क्या कहेंगे? बिहार के सम्मान की बात करते हुए कांग्रेस के बतौर मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किए गए नेता रेड्डी की आलोचना करेंगे या फिर गठबंधन धर्म निभाएंगे?
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