गया: गया जिले का एक ऐसा गांव जहां टापू पर रहना गांववालों के लिए अभिशाप बन गया हैं। गया के इमामगंज में स्थित भगहर गांव चारों ओर से नदियों से घिरा हैं। इस गांव की आबादी लगभग 800 है। गांव में ना शिक्षा है ना रोजगार, इस गांव के युवा दुल्हन को तरस रहे हैं।
गांव में कोई सड़क नहीं होने के कारण कोई भी इस गांव में अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहता। लड़की वाले गांव तक आ सके, इसके लिए ग्रामीण खुद चंदा करके सड़क बनाते हैं। पैसा कम होने पर गांव के लोग खुद श्रमदान करके रास्ता निकालते हैं. ग्रामीण ने बताया कि बरसात में सीरियस मरीजों को बेमौत मर’ना ही पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि बरसात में एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती. हम अस्पताल तक नहीं जा पाते. स्थानीय डॉक्टर से ही इलाज कराना हमारी मजबूरी है. इस कारण मरीज को यहीं पर म’रना पड़ता है.
भगहर गांव, गया जिला मुख्यालय से 80-85 किलोमीटर दूर है. इसकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि चारों ओर से नदियां बहकर आती हैं. बारिश के दिनों में महीनों तक गांव में सब कुछ ठप रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें इस नदी पर एक पुल चाहिए, लेकिन नीतीश सरकार सुन नहीं रही है. यहां कोई शादी के लिए नहीं आता. उसके लिए हम लोगों को सड़क बनानी पड़ती है। तब जाकर कोई हमारे द्वार तक आता है। हमारी सरकार से मांग है कि गांव में पुल बने. कच्ची सड़क बनाने के लिए पूरा गांव एकजुट होता है. पुरुष, महिला, बूढ़े-जवान सभी मिलकर सड़क पर श्रमदान करते हैं।
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