पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिवंगत नेता रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का आज 23वां स्थापना दिवस है। भले ही पार्टी दो धड़ों में बंट गई हो। एक गुट चिराग पासवान का है, तो वहीं दूसरा गुट केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का है। चिराग की पार्टी का नाम लोजपा रामविलास है। तो वहीं पशुपति पारस ने दल का नाम राष्ट्रीय लोजपा रखा है। और आज 28 नवंबर को चाचा-भतीजे दोनों के अलग-अलग शहरों में कार्यक्रम हैं।
चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी रामविलास जहां पटना के बापू सभागार में लोजपा का स्थपाना दिवस मनाएगी, तो वहीं पशुपति पारस की राष्ट्रीय एलजेपी हाजीपुर में प्रोग्राम करेगी। पटना में चिराग पासवान की तैयारी पूरी है। पटना की सड़कों पर बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। पटना में चिराग पासवान हुंकार भरेंगे। तो वहीं हाजीपुर के अक्षयवाटिका स्टेडियम में पशुपति पारस अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
पशुपति पारस बीते कई दिनों से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारियों में जुटे रहे। उनके साथ पार्टी के सांसद और पदाधिकारी भी शामिल होंगे। हाजीपुर से रामविलास पासवान ने कई बार लोकसभा का चुनाव जीता। और इसी सीट पर पारस भी लगातार अपनी दावेदारी ठोंकते आए हैं। पशुपति पारस ने कहा है कि हाजीपुर उनकी कर्म भूमि है। और यहां पर लोजपा का स्थापना दिवस मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
आपको बता दें हाजीपुर सीट को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवाने के बीच तकरार बनी रहती है। जब चिराग पासवान ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि हाजीपुर सीट से मेरी मां चुनाव लड़ें। पशुपति पारस हाजीपुर पार दावा ठोंकते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में दुनिया की कोई ताकत मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती है।
आज आज चाचा-भतीजे अलग-अलग जगह शक्ति प्रदर्शन करेंगे। दोनों की नजर आगामी लोकसभा चुनाव पर है। दोनों ही एनडीए के सहयोगी है। दोनों ही ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट चाहते हैं। और ऐसे में स्थापना दिवस के बहाने अपनी सियासी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।
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