बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों में दूसरे राज्यों के बच्चों से ज्यादा इंटेलिजेंट हैं। उनमें सीखने की क्षमता 24 राज्यों के बच्चों से बेहतर है। शिक्षा मंत्रालय के परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के बच्चे सीखने में बिहार के बच्चों से पीछे हैं। इन राज्यों के बच्चों में सीखने की क्षमता 40 से 60 फीसदी तक ही है, जबकि बिहार के बच्चों में यह 70 से 75 फीसदी है।
इस संबंध में पिछले दिनों मंत्रालय द्वारा सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में देशभर के सभी राज्यों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीन से 8वीं तक के बच्चों को शामिल किया गया था। सर्वे जनवरी से मई के बीच हुआ था। हाल में इसकी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय ने जारी की है। सर्वे के दौरान बिहार से 35 लाख बच्चों से स्कूल जाकर फीडबैक लिया गया। सर्वे में यह देखा गया है कि छोटी कक्षाओं के बच्चे पढ़ाई पर अधिक मेहनत करते हैं। बार-बार एक ही पाठ को पढ़ने से सीखने की क्षमता विकसित हुई है।
स्कूलों की आधारभूत संरचना अच्छी हो तो और बेहतर परिणाम
बिहार के सरकारी स्कूलों की आधारभूत संरचना सभी राज्यों से इंडेक्स में नीचे है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अगर बिहार के सरकारी स्कूल की आधारभूत संरचना को बेहतर किया जाए तो यहां के बच्चे और बेहतर करेंगे। बच्चों को स्कूल में वो सारी सुविधाएं नहीं मिलती हैं जिसकी उन्हें जरूरत है। कहीं पर बेंच-डेस्क नहीं तो कहीं पर कक्षाओं की भारी कमी है। पठन-पाठन से संबंधित कई कमियां हैं।
सर्वे में निकलीं ये बातें
– बिहार के बच्चे कोई भी पाठ जल्द समझते हैं
– जो सीखते हैं वो काफी दिनों तक याद रखते हैं
– कक्षा में जो पढ़ाया जाता है, उसे बार-बार अभ्यास करते हैं
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