Press "Enter" to skip to content

एक दिन में करोड़ों की मीट-मछली खा गए बिहार के लोग, सावन खत्म हुआ तो बाजार में उमड़ी भीड़

बिहार: सावन महीने का समापन हुआ तो लोगों की भीड़ भी मांस-मछली की खरीदारी के लिए बाजार में उमड़ पड़ी। इस बार मलमास की वजह से सावन दो महीने का रहा। सावन खत्म होते ही लोग शुक्रवार को मीट, मछली और चिकेन की दुकानों पर खरीदारी के लिए जमे दिखे. अहले सुबह से ही मछली मंडी सहित मुहल्ला स्तर पर खुले चिकेन और मीट की दुकानों में ग्राहकों का तांता लग गया। पूरे बिहार की बात करें तो मीट, मछली और चिकेन की करोड़ों की बिक्री हुई।

nonvej sell in crores in bihar bhagalpur muzaffarpur after sawan skt | एक  दिन में करोड़ों की मीट-मछली खा गए बिहार के लोग, सावन खत्म हुआ तो बाजार में  उमड़ी रिकॉर्ड भीड़..

दो माह के सावन के बाद भागलपुर के नॉनवेज प्रेमियों का इंतजार खत्म हुआ. शुक्रवार को चिकेन व मटन दुकानों पर भीड़ दिखी. खासकर भीखनपुर त्रिमूर्ति चौक के समीप, मिनी मार्केट, हड़ियापट्टी समीप मछली बाजार, तिलकामांझी, कटहलबाड़ी, जीरोमाइल, इशाकचक आदि में ग्राहकों की भीड़ थी. इतना ही नहीं मुख्य मार्ग स्थित दुकानों पर भीड़ लगने के कारण सामान्य लोगों को जाम का सामना करना पड़ा, तो ग्राहकों को एक-एक घंटे तक मटन व चिकेन लेने के लिए इंतजार करना पड़ा. मटन 700 से 800 और चिकन 140 से 160 रुपये किलो बिके. थोक चिकेन कारोबारी ने बताया कि चिकेन की इतनी मांग बढ़ गयी कि स्टॉक कम पड़ने लगा. इससे 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक कीमत चढ़ी रही. कटहलबाड़ी मुख्य मार्ग पर मछली दुकानों पर इतनी भीड़ उमड़ी कि लोगों को एक घंटे तक लाइन लगानी पड़ी.दरअसल सावन इस बार दो माह का रहा. मलमास के कारण सावन दो माह का था. सावन खत्म होते ही शहर में मटन, चिकन व मछली की मांग बढ़ गयी।

Sawan month ends people start eating nonveg food crowd at meat and fish  shops - सावन खत्म होते ही नॉनवेज पर टूटे लोग, मांस-मछली की दुकानों पर भीड़  , बिहार न्यूज

सावन खत्म होते ही शुक्रवार को मुजफ्फरपुर की मीट, मछली और चिकेन की दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। अहले सुबह से ही मछली मंडी सहित मुहल्ला स्तर पर खुले चिकेन और मीट की दुकानों में ग्राहकों का तांता लग गया. खरीदारों को अपनी बारी आने तक कम से कम आधा घंटे का इंतजार करना पड़ा. सुबह से दोपहर तक जिले में करीब 10 करोड़ से अधिक का मीट, मछली और चिकेन का कारोबार हुआ. बिक्री का अंदाजा इसी हिसाब से लगाया जा सकता है कि जिले की आबादी करीब साढ़े 60 लाख है. इसमें करीब 15 लाख परिवार हैं. इन परिवारों में नौ लाख परिवार सावन में मांसाहार का सेवन नहीं करते. यदि पांच लाख परिवारों ने ही औसतन मांसाहार भोजन के लिए 200 रुपये खर्च किया होगा, तो करीब 10 करोड़ का बाजार माना जा सकता है. हालांकि मीट, मछली दुकानदारों की मानें, तो इस बार की बिक्री ने हर साल सावन के बाद होने वाले बाजार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

 

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *