गया: “नमस्ते…हम पंचायती अखाड़ा (टाउन आउट पोस्ट) टीओपी से आये हैं। आपकी कोई समस्या है तो जरूर बताइये। हम आपकी मदद के लिए आए है…” कुछ इसी अंदाज में गया टीओपी पुलिस घर-घर जाकर लोगों का हाल-चाल ले रही है। शहर के सभी टीओपी को सक्रिय करने की पहल हुई है। एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर गया में पहली बार शहर के सभी टीओपी को सक्रिय करने का काम शुरू हो गया है।
अच्छी पुलिसिंग की चर्चा एसएसपी के निर्देश के बाद सभी टीओपी की सक्रियता देखते बन नही है। रविवार को जब पंचायती अखाड़ा टीओपी के पुलिस पदाधिकारी फिरोज आलम व अन्य पुलिसकर्मी एक घर के बाहर दस्तक दिए तो घर का व्यक्ति अपने घर के बाहर पुलिस देख परेशान हो गया। वहीं जब पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों ने उनसे किसी प्रकार की समस्या के बारे में पूछा तो वह खुश हो गया और गया पुलिस की इस पहल की तारीफ करने लगा। इस तहर का दृश्य शहर में जगह-जगह देखने को मिला।
पदाधिकारियों पदस्थापित एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि शहर के दस टीओपी कतिपय कारणों से क्रियाशील नहीं रह गये थे। जिसे सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रभारी के रूप मे टीओपी पदाधिकारी व पुलिसकर्मियों को पदस्थापित किया गया है। जो अपने इलाके में घर-घर जाकर लोगों से उनकी समस्या सुन उनका निराकरण करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि ये अपने इलाके में नियमित गश्ती करेंगे। असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
लोगों ने पुलिस के इस कार्य की सराहना की
रविवार को घर-घर जाकर लोगों की समस्या सुनना और पुलिस पदाधिकारी द्वारा अपना नम्बर उपलब्ध कराने की पहली बार इस तरह की किए गये पहल पर खुशी जाहिर की है और लोगों को गया पुलिस को इस तरह के सराहनीय कार्य को लगातार जारी रखने की बात कही।
पुलिस पदाधिकारियों ने दिया अपना नम्बर
टीओपी की सक्रियता बढ़ाने के क्रम पदाधिकारी आमलोगों को अपना मोबाइल नम्बर देना शुरू कर दिए हैं और लोगों से कह रहे है कि अगर किसी प्रकार की समस्या हो तो कभी भी हमे कॉल कर सकते हैं। इस तरह का नजारा ना सिर्फ पंचायती अखाड़ा मुहल्ले में बल्कि कठोकर तालाब, समीर तकिया, गोल बगीचा व अन्य इलाके में भी दिखा।
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि अप’राध नियंत्रण व विधि व्यवस्था बनाए रखने को लेकर यह पहल की गयी है। इसके अलावे रामपुर थाने के गांगो बिगहा टीओपी व कोतवाली थाना क्षेत्र के अन्य टीओपी को भी शीघ्र शुरू किया जायेगा। थाने को भी बीट में बांटा गया है। उसके लिए अलग-अलग पुलिस पदाधिकारी रहेंगे, जो अपनी बीट के लोगों की समस्या पर ध्यान देगें और अप’राध नियंत्रण पर ध्यान देगें।
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