पटना: नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है। सहरसा जिले के सोनबरसा से जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सदा को पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन की जगह मंत्री बनाया गया है। सुमन ने पिछले दिनों मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीएम नीतीश ने अपने भरोसेमंद रत्नेश सदा को कैबिनेट में जगह दी है। शपथ लेने के बाद उन्होंने सीएम के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। मांझी के महागठबंधन छोड़ने के बाद नीतीश ने जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्हीं के महादलित समाज के नेता रत्नेश सदा को मंत्री बनाया है। साथ ही सहरसा जिले को 10 महीने बाद फिर से मंत्री पद मिला है। नीतीश के एनडीए में रहने के दौरान यहां से बीजेपी के आलोक रंजन मंत्री थे।
पटना स्थित राजभवन के सभागार में शुक्रवार सुबह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी समेत महागठबंधन के अन्य नेता शामिल हुए। राज्यपाल ने समारोह में रत्नेश सदा को मंत्री की पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। माना जा रहा है कि उन्हें एससी-एसटी कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इससे पहले संतोष सुमन के पास यह विभाग था।
सहरसा को 10 महीने बाद मिला मंत्री पद
सहरसा जिले को दस महीने बाद सूबे के मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिला है। सोनबरसा विधानसभा से तीसरी बार विधायक चुने गए रत्नेश सादा को सूबे के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। पिछले साल के अगस्त महीने में एनडीए गठबंधन टूटने से पूर्व तक भाजपा कोटे से जिले के एक मंत्री आलोक रंजन थे। उसके बाद से जिले का कोई भी मंत्री नहीं था। अब रत्नेष सदा के मंत्री बनने से जिले को फिर से प्रतिनिधित्व मिल गया है। मालूम हो कि जिले से रमेश झा, लहटन चौधरी, चौधरी मो. सलाउद्दीन, शंकर प्रसाद टेकरीवाल, अशोक कुमार सिंह, दिनेश चंद्र यादव, अब्दुल गफूर , डा. आलोक रंजन सूबे की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
रत्नेश सदा को मंत्री बनाकर नीतीश ने साधे जातिगत समीकरण
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मंत्रिमंडल से जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफा देने के बाद उसी महादलित समुदाय के किसी विधायक को मंत्री पद देने के कयास लगने शुरू हो गए थे। दरअसल, रत्नेश सादा भी महादलित समुदाय से ही हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी विश्वासपात्र भी हैं। इस कारण उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर महादलित समुदाय को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की गई है कि महागठबंधन की सरकार में अब भी इस समुदाय की पहुंच है। रत्नेश सादा की अपनी क्षेत्र में जबतदस्त पकड़ है। जिसकी वजह से वे लगातार तीन बार से सहरसा जिले के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालांकि रत्नेश सादा सहरसा जिले के महिषी विधानसभा क्षेत्र के बलिया सिमर गांव के रहने वाले हैं।
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