मुजफ्फरपुर: आरडीएस कॉलेज में लगाए गए खादी मेला और उद्यमी बाजार में उद्योग विभाग के हथकरघा एवं रेशम निदेशालय द्वारा अंडी रेशम उत्पादन की प्रक्रिया और विभाग से दी जाने वाली सहायता पर प्रदर्शनी सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी में रेशम निदेशालय द्वारा बताया गया कि किस तरह से सब्जी के उत्पादन के साथ-साथ रेशम के कोकून का प्रोडक्शन किया जा सकता है। इससे किसानों को दोहरा लाभ होगा। सहायक उद्योग निर्देशक (रेशम) धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कार्यशाला में बताया कि सरकार द्वारा रेशम का उत्पादन करने पर कई प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाते हैं।
बिहार में रेशम के कोकून की काफी अच्छी मांग है। भागलपुर का रेशमी वस्त्र विश्व प्रसिद्ध है। प्रदेश के कई जिलों में रेशम के कीट का पालन किया जाता है और उनसे प्राप्त कोकून से रेशम के धागे तैयार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादक किसान जिला उद्योग केंद्र में आएं और नई तकनीकी की जानकारी हासिल करके रेशम के कीट का पालन प्रारंभ करें जिससे उन्हें 2 गुना लाभ होगा।
कार्यक्रम में जिला उद्योग विस्तार पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के जिला महाप्रबंधक कमलेश कुमार त्रिवेदी सेरीकल्चर के महेश कुमार प्रसाद राजेश कुमार श्रीवास्तव चंद्र बोस चौधरी नरेश पासवान एवं रेशम के अनेक कीट पालक किसानों ने हिस्सा लिया।
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