बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारशरीफ और सासाराम में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिए बिना ही उन्हें जमकर लपेटा। सीएम नीतीश ने कहा कि ये लोग दिल्ली में क्या कर रहे हैं देख लीजिए। सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार हो रहा है। दो लोग हैं, जिसमें से एक राज कर रहा है और दूसरा उसका एजेंट है। ये लोग सब इधर-उधर करने का काम कर रहे हैं।
नीतीश के इस बयान से कयास लगाए जा रहे है कि राज करना बोलकर एक तरफ वो नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर हमला कर रहे हैं तो दूसरी तरफ एजेंट बोलकर असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साध रहे हैं। नीतीश कुमार ने जगजीवन राम की जयंती के मौके पर बुधवार को मीडिया से बात की। इस दौरान नालंदा और सासाराम हिंसा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत दोनों जगहों पर दंगा करवाया गया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। अचानक से वहां ऐसा क्यों हुआ, इसका जल्द ही सच सामने आएगा।
सीएम नीतीश ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर बिहार का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। जांच में सब सामने आ जाएगा।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना कहा एक जगह जिनको जाना था वहां जान-बूझकर करवाया है। यह सब साजिश के तहत हुआ है। नीतीश ने बताया कि दोनों ही जिलों की स्थिति पर उनकी नजर है। अधिकारी जांच कर रहे हैं। हालात काबू में हैं और घर-घर जाकर चेकिंग की जा रही है। जल्द ही उपद्रवियों और दंगाइयों की साजिश सबके सामने आएगी।
उन्होंने अमित शाह द्वारा राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से बिहार में हुए उपद्रव पर बात किए जाने के सवाल पर कहा कि सरकार से बात होती है, सिर्फ राज्यपाल से नहीं। सीएम नीतीश ने आगे कहा कि 2017 में जब वे बीजेपी के साथ थे, तब एक नेता के बेटे ने ही सांप्रदायिकता की आग भड़काई थी। तब हमने उसको भी गिर’फ्तार करवा लिया था। उनका इशारा केंद्रीय गृह मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित की ओर था। भागलपुर के नाथनगर में हिंदू नववर्ष जुलूस में हिंसा फैलाने के आरोप में उन्हें 2018 में गिर’फ्तार किया गया था।
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