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विपक्ष में जाकर बैठने लगे तेजस्वी, तब BJP ने भी कर लिया स्वागत, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना:  बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। सदन में विधायी कार्य तो रुटीन के अनुसार शुरू कर दिया गया है। आज सबसे पहले राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दोनों सदनों में एकसाथ अभिभाषण दिया। वहीं, इस बजट सत्र के पहले दिन एक ऐसा वाकया देखने को मिला जिससे सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेता भी आश्चर्चकित हो गए। दरअसल, बिहार में सत्ता परिवर्तन भले ही अगस्त के महीने में हुआ हो और नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ नाता तोड़ राजद के साथ वाली महागठबंधन में शामिल हो गए हो। लेकिन, इसके बाबजूद इस नयी सरकार को सदन में बैठने का बेहद ही कम समय मिला है। इससे पहले महज 5 दिनों का शीतकालीन सत्र संचालित किया गया। जिसमें नई सरकार में शामिल मेंबर सही ढंग से सदन के नियमों को शायद समझ नहीं पाए हैं।

अब आज इस बात का प्रमाण विधानमंडल बजट सत्र के दौरान देखने को उस समय मिल गया।  जब राज्य के उपमुख्यमंत्री यह बातें भूल गए कि अब वो नेता विरोधी दल नहीं बल्कि सरकार के उपमुख्यमंत्री और कई विभागों के मंत्री है। बजट सत्र के पहले दिन तेजस्वी यादव विधानसभा पहुंचने के बाद भूल गए कि वो सत्ता पक्ष में हैं। उनके साथ चल रहे विधायक ने जब उन्हें अहसास कराया तब जाकर संभले। लेकिन, इस दौरान भाजपा के दो विधायकों ने मजाकिया अंदाज में उनका स्वागत भी कर किया।

बताया जा रहा है कि, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव विधानमंडल बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा पहुंचे। इस दौरान वे सत्ता पक्ष की तरफ जाने की बजाय विपक्ष की तरफ चले गए। जब तेजस्वी विपक्षी लॉबी के पास पहुंचने वाले थे तभी राजद के विधायक भाई वीरेन्द्र ने उन्हें यह अहसास कराया कि अब वो नेता प्रतिपक्ष नहीं है, बल्कि सत्ता पक्ष के नेता है। जिसके बाद तेजस्वी यादव ठिठक से गए और सत्ता पक्ष की लॉबी के तरफ जाने लगे। हालांकि, इस दौरान भाजपा  के विधान पार्षद और विधायक ने यह वाकया देख लिया। इसके बाद संजय सरावगी और जीवेश कुमार ने मजाक किया। इस तरह से तेजस्वी यादव सत्ता पक्ष की तरफ लौटे।

आपको बताते चलें कि, बजट सत्र के दौरान कुल 22 बैठकें होंगी। मंगलवार को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत करेंगे। अगले दिन से राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। एक मार्च को इस पर सरकार का उत्तर होगा। उसके बाद वित्तीय कार्य होंगे। आठ और नौ मार्च को होली के कारण सदन की बैठक नहीं होगी। दोनों सदनों की कार्यवाही पांच अप्रैल तक चलेगी।

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