बिहार: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तेलंगाना सीएम केसीआर की खम्मम रैली का न्योता नहीं मिला। केसीआर की रैली में अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, पिनरई विजयन, भगवंत मान समेत अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए।
इस रैली को विपक्षी नेताओं का ‘हिट शो’ माना जा रहा है। जब नीतीश कुमार से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि केसीआर की पार्टी की रैली है, जिसे बुलाया होगा, वो गए होंगे। मुझे बुलाते तो भी नहीं जा पाता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में गुरुवार को महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा विपक्ष के लोग एकजुट हों। यह देश हित में है। उनकी कोई व्यक्तिगत ख्वाहिश नहीं है। 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने यह बात कही।
तेलंगाना के सीएम केसीआर के द्वारा विभिन्न दलों को अपनी रैली में आमंत्रित किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि उनकी पार्टी की रैली मैं जिन्हें बुलाए होंगे, वह गए होंगे। उन्हें पता नहीं है। वे अभी समाधान यात्रा कार्यक्रम में लगे हैं। अभी तो चाह कर भी वे कहीं नहीं जा पाते। मीडिया के सवाल पर सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि फरवरी-मार्च में विधानमंडल का बजट सत्र होगा। इसके बाद विपक्षी एकता को लेकर वह फिर से बात करेंगे। जो भी उन्हें बुलाएंगे, वे वहां जाएंगे।
तेलंगाना के खम्मम में बुधवार को के चंद्रशखेखर राव उर्फ केसीआर ने विशाल जनसभा आयोजित की। इसमें AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, पंजाब सीएम भगवंत मान और लेफ्ट नेता शरीक हुए। इस रैली को 2024 से पहले विपक्षी एकजुटता की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
केसीआर ने पिछले साल ही अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया था। माना जा रहा है कि केसीआर, केजरीवाल, अखिलेश मिलकर 2024 चुनाव से पहले गैर कांग्रेसी मोर्चे का गठन कर सकते हैं, जिसमें नीतीश कुमार को शामिल किए जाने की संभावनाएं भी कम नजर आ रही हैं।
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