पटना: मख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शुक्रवार को कुढ़नी में चुनाव प्रचार करेंगे. कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा के लिए नीतीश और तेजस्वी एक साथ वोट मांगेगे. उनके साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी होंगे.
सीएम की संयुक्त चुनावी सभा कुढ़नी के रामडीह बुनियादी विद्यालय परिसर के खेल मैदान में दोपहर 2 बजे से होगी. यह पहला मौका है जब नीतीश और तेजस्वी एक साथ चुनाव सभा को संबोधित करेंगे. वहीं तेजस्वी दो दिन के अंतराल पर दूसरी बार कुढ़नी जा रहे है. इसके पहले उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के साथ कुढ़नी में चुनाव प्रचार किया था.
कुढ़नी में मनोज कुशवाहा का मुकाबला भाजपा के केदार गुप्ता है. इसके अलावा विकाशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने भूमिहार जाति से आने वाले नीलाभ को और ओवैसी ने एक मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवार को उतारकर मुकाबला काफी रोचक बना दिया है. इसलिए इस चतुष्कोणीय मुकाबले में जदयू उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए नीतीश कुमार पूरा दमखम लगा रहे हैं.
चुनाव प्रचार का समापन 3 दिसम्बर को होगा. ऐसा में प्रचार के अंतिम दिनों में अब महागठबंधन ने पूरी ताकत झोंक दी है. विशेषकर मुकेश सहनी और ओवैसी के उम्मीदवारों से निपटने के लिए जदयू पूरा जोर लगा रही है. दरअसल, मुकेश सहनी ने पहले ही कहा है कि यह चुनाव भले ही उपचुनाव हो, लेकिन इसका परिणाम बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव लाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार में आजतक जाति और समाज को बांटकर चुनाव जीते गए हैं, लेकिन इस उपचुनाव में अति पिछड़े वर्ग की पार्टी समझे जाने वाले वीआईपी ने एक भूमिहार समाज से आने वाले युवा चेहरे को मैदान में उतारा है.
वहीं ओवैसी की पार्टी का भी कहना है कि बिहार के मुसलमानों को यहां की पार्टियां ठगती रही हैं. इसलिए मुस्लिम समाज को अपनी एकजुटता दिखाने की जरूरत है. गोपालगंज में हुए उपचुनाव में राजद उम्मीदवार को मिली हार का एक बड़ा कारण ओवैसी के उम्मीदवार को मिला बड़ा वोट था. उसी लिहाज से कुढ़नी में भी अगर कुछ होता है तो यह जदयू के लिए झटका होगा. ऐसे में तमाम जातियों और धर्मों के मतदाताओं को गोलबंद करने की नीति के तहत नीतीश कुमार पूरी जोर आजमाइश लगा रहे है.
जहां नीतीश ने स्वास्थ्य कारणों से मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में प्रचार नहीं किया था वहीं अब वे कुढ़नी जा रहे हैं. अपने साथ तेजस्वी को भी लेकर जा रहे हैं ताकि महागठबंधन की एकजुटता का बड़ा संदेश जाए.
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