पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी जानवरों के संरक्षण और वाइल्ड लाइफ को संरक्षित करने का काम करती हैं और कई बार सुर्खियों में बनी रहती हैं। ऐसा ही एक वाकया बिहार के मुजफ्फरपुर से आया है जब मेनका गांधी को प्रत्याशी को फोन मिलाकर चुनावी पोस्टर पर लिखे वादे को वापस लेने की बात करनी पड़ी।
मुजफ्फरपुर नगर निगम चुनाव से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का सीधा हस्तक्षेप हुआ है। आवारा कुत्तों से लोगों को छुटकारा दिलाने का वादा करना एक प्रत्याशी को महंगा पड़ गया है। प्रत्याशी ने अपने घोषणा पत्र पर बीते दिनों हुई एक घट’ना के आधार पर वादा किया था कि जीतने के बाद वो शहर के आवारा कुत्तों को शहर की सीमा से बाहर फेंकवा देंगी। जिसके बाद पोस्टर की तस्वीर किसी ने मेनका गांधी को सोशल मीडिया पर टैग करके पोस्ट की थी।
दरअसल बीते दिनों आवारा कुत्ते के नो’चने से हुई एक बच्ची की मौ’त के बाद प्रत्याशी ने इस मुद्दे को अपने घोषणा-पत्र में शामिल किया था। प्रत्याशी नीलम सिन्हा ने घोषणा-पत्र में कहा था कि वे चुनाव जीतने के बाद सभी आवारा कुत्तों को पकड़ कर शहर की सीमा से बाहर फिकवाएंगी। इसके इसकी शिकायत किसी ने मेनका गांधी से कर दी।
बार-बार शिकायत मिलने के बाद मेनका गांधी ने प्रत्याशी के पति को फोन किया और घोषणा-पत्र बदलने को कहा। फिलहाल प्रत्याशी पति ने उस वादे को घोषणापत्र से हटाना स्वीकार कर लिया है। घट’ना के बाद शहर में मेनका गांधी का हस्तक्षेप चर्चा का विषय बना हुआ है।
मेनका गांधी वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट के तौर पर सक्रिय रहती हैं। सोशल मीडिया पर उनके जानवरों के हित के कामों की जमकर तारीफ भी होती है। मुजफ्फरपुर में घोषणा के खिलाफ सख्ती से पेश आने के बाद इलाके में इस बात की चर्चा हो रही है और सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है।
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