मोक्षधाम में त्रिपाक्षिक के अलावा एक, तीन और सात दिनों का पिंडदान करने वाले पिंडदानियों की संख्या बढ़ी है। तीन लाख से अधिक पिंडदानी आ चुके हैं। त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध कर रहे पिंडदानियों की भीड़ तिथि वाली वेदियों पर रह रही है। इसके अलावा अन्य तरह के कर्मकांड कर रहे तीर्थयात्रियों की भीड़ भीड़ विष्णुपद और फल्गु के घाटों पर है।
सीताकुंड और प्रेतशिला में अच्छी संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान कर रहे हैं। लेकिन, विष्णुपद मंदिर में पिंडदानियों का सैलाब उमड़ रहा है। पितृपक्ष के चौथे दिन मंगलवार को भी विष्णुपद मंदिर में भारी भीड़ रही। सुबह 10 बजे मंदिर में प्रवेश के लिए करीब पांच सौ मीटर कतार लगी रही। विष्णुपद के मुख्य द्वार से लेकर कामख्या मंदिर के पास तक पिंडदानियों की लाइन रही। सुबह नौ बजे से दोपहर तक कतार लगी रही। बाहर के अलावा विष्णुपद मंदिर परिसर में भी गर्भगृह में जाने के लिए कतार रही। दोपहर बारिश के कारण पिंडदानियों को परेशानी हुई।
फल्गु के घाट से लेकर विष्णुपद मंदिर परिसर में तीर्थयात्री कर रहे कर्मकांड
त्रिपाक्षिक तिथि के अनुसार मंगलवार को पिंडदानियों ने बोधगया की वेदियों पर पिंडदान किया। इसके अलावा एक, तीन, पांच और सात दिनी गयाश्राद्ध कर रहे लोगों की भीड़ विष्णुपद इलाके में रही। मंगलवार को भी विष्णुपद से लेकर फल्गु के घाट किनारे बने शेडों में बैठकर तीर्थयात्रियों ने कर्मकांड किया। श्मशान घाट से लेकर गायत्री घाट तक पिंडदानी नजर आए। सबसे ज्यादा भीड़ गजाधर, देवघाट और संगत घाट पर बने शेडों में रही। हालांकि पिछले दो दिन रविवार और सोमवार के मुकाबले घाट और विष्णुपद इलाके में पिंडदानियों की भीड़ कम रही है।
रबर डैम पुल से सीताकुंड जाने में पिंडदानी को हो रही सहूलियत
रबर डैम बनने से पिंडदानियों को स्नान और तर्पण करने में इस बार पानी की किल्लत नहीं है। इसके साथ ही डैम पर बने स्टील ब्रिज का भी पिंडदानी भरपूर लाभ उठा रहे हैं। भारत के सबसे बड़े रबर डैम को देख रहे हैं। साथ ही सीताकुंड जाने के लिए डैम पर बने पुल का उपयोग कर रहे हैं। मंगलवार को भी फल्गु के पश्चिमी छोर के घाटों से सीताकुंड जाने के लिए हजारों तीर्थयात्रियों ने पुल का सहारा लिया। आराम से सीताकुंड से आवाजाही की।
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