बिहार में कार खरीददारों की संख्या में बंपर इजाफा हुआ है। सूबे में जनवरी से लेकर अगस्त 2022 तक 56 हजार से अधिक कारों की बिक्री हुई है। कार बिक्री में अबतक का ये सर्वाधिक रिकॉर्ड है। दिसम्बर तक यही क्रम जारी रहा तो इस साल कारों की बिक्री में रिकॉर्ड कायम होगा। परिवहन विभाग के अनुसार एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच 56 हजार 932 चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
कई सालों के आंकड़े टूटे
पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 49 हजार 784 गाड़ियों की बिक्री हुई थी। कोरोना के दौरान साल 2020 में मात्र 34 हजार 389 कार ही बिक थी। उसके पहले वाले वर्ष 2019 में भी मात्र 39 हजार पांच कारों की बिक्री हुई थी। इस वर्ष के लगभग बराबर संख्या में 2018 में कारों की बिक्री हुई थी। उस वर्ष 50 हजार 628 कारों की बिक्री हुई थी। वहीं वर्ष 2017 में मात्र 29 हजार 871, वर्ष 2016 में 28 हजार 885, वर्ष 2015 में 25 हजार 199 तो वर्ष 2014 में 25 हजार 517 कारों की बिक्री हुई थी।
आमदनी बढ़ने का संकेत
आंकड़ों से साफ है कि इस वर्ष गाड़ियों की खरीदारी करने वाले लोगों में कार के प्रति दिलचस्पी अधिक बढ़ी है। सात-आठ साल में ही चार पहिया वाहनों की बिक्री में दो गुना से अधिक की वृद्धि हो गई है। कार बिक्री से अनुमान लगाया जा रहा है कि सूबे में लोगों की आमदनी में इजाफा हुआ है।
दो पहिया वाहनों की भी हो रही जमकर बिक्री
बीते दो वर्षों की तुलना में इस साल दो पहिया वाहनों की बिक्री में भी बढ़ोत्तरी हुई है। एक जनवरी से 31 अगस्त तक राज्य में पांच लाख 98 हजार 849 दो पहिया वाहन बिके हैं। पिछले वर्ष 2021 में इसी अवधि में पांच लाख 64 हजार 708 और वर्ष 2020 में पांच लाख 25 हजार 297 दो पहिया वाहन ही बिके थे। लेकिन कोरोना से पहले वाले साल 2019 में 7 लाख 21 हजार 246 और वर्ष 2018 में 7 लाख 68 हजार 177 दो पहिया वाहनों की बिक्री हुई थी। सूबे में साल के अंत तक दो पहिया वाहनों की खरीददारी में भी बढ़ोत्तरी होगी।
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