पटना: गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के कई इलाके बाढ़ से घिर गए हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक निजी कार्यक्रम के लिए मोटर बोट पर सवार होकर दियारा इलाके में पहुंचे.
दरअसल मोटर बोट से जाने के पीछे वजह यह थी कि इसके अलावा यहां पहुंचने का और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. अपने बीच बिहार के दो बड़े नेताओं को पाकर बाढ़ से घिरे लोगों को काफी हैरानी हुई, साथ ही उन्हें यह उम्मीद भी बंधी कि अब शायद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा, और आने-जाने का कोई सुगम रास्ता बनेगा. रास्ता नहीं होने के चलते अभी तक वो अपनी जिंदगी को ख’तरे में डाल कर गंगा के बढ़े हुए जलस्तर में नाव से एक पार से दूसरे पार जाने को मजबूर हैं.
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कच्ची दरगाह से मोटर बोट के माध्यम से वैशाली जिला के राघोपुर प्रखंड के रूस्तमपुर गांव में पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला राय के घर गए थे. उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने यहां दिवंगत भोला राय की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी, और शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. लेकिन इस जगह पहुंचना आसान नहीं था. सोमवार को मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से होते हुए पटना के आस-पास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लेते हुए अटल पथ, जे.पी गंगा पथ होते हुए कच्ची दरगाह पहुंचे थे.
कच्ची दरगाह से मोटर बोट से राघोपुर पहुंचने के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने गंगा नदी के जलस्तर एवं पानी की धारा का बारीकी से अवलोकन (मुआयना) किया. इस दौरान उन्होंने गंगा नदी के आस-पास दियारा क्षेत्र की स्थिति को देखा और जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुये पूरी तरह अलर्ट रहें. इस दौरान मुख्यमंत्री से लोगों ने अपनी समस्या बताई जिस पर उन्होंने उनको भरोसा दिलाया और राघोपुर को लेकर अपनी पुरानी यादें ताजी की.
पटना लौटने के क्रम में राघोपुर और कच्ची दरगाह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भोला बाबू के निध’न से मुझे काफी दुख हुआ है. स्वर्गीय भोला राय से मेरा परिचय वर्ष 1975 से था. जेपी मूवमेंट के दौरान नाव पर चढ़कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ हमलोग राघोपुर आए थे. 1975 में यहीं पर एक सभा हुई थी.
लोकनायक जयप्रकाश कई घंटे तक यहां रुके थे. हमारा उसी समय भोला बाबू से संपर्क हुआ था, तब मेरी उम्र 24 साल थी. भोला राय कई बार बिहार विधानसभा के सदस्य एवं विधान पार्षद रहे. वो राज्य सरकार में मंत्री भी थे. मेरा उनके लगातार संपर्क बना हुआ था. उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने पर हम उनका हालचाल लेते रहते थे. आज हमलोगों ने यहां आकर उनके परिवार के लोगों से मुलाकात की है. दिवंगत भोला राय को हम हमेशा याद रखेंगे. इनकी स्मृति में आगे भी बहुत कुछ किया जायेगा ताकि लोग उन्हें हमेशा याद रखें.
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