छपरा में इन दिनों एक संत काफी चर्चा में हैं। हर साल वो सावन में तीन दिन एक क्विंटल लाल मिर्च का हवन कराते हैं। दूसरा हवन उन्होंने मंगलवार को किया। संत का कहना कि ऐसे हवन से बूरी शक्तियां भागती हैं और वायुमंडल शुद्ध होता है। उनका दावा है कि वो 12 साल से फूलपत्ती खाकर जीवित हैं। वहीं, लाेगों का कहना है कि बाबा उनकी समस्या का निवारण करते हैं।
सारण के पानापुर रकौली में रहने वाले संत जयराम दास उर्फ बेलपतिया बाबा (47) के नाम से चर्चित हैं। संत पानापुर के रकौली दक्षिणेश्वरी काली में मंदिर में रहते हैं। बाबा भगवान भोलेनाथ और मां काली की पूजा करते हैं। मिर्च के हवन पर बाबा का कहना है कि ‘वायुमंडल को शुद्ध करने के लिए और बूरी शक्तियों से ब्रह्मांड को बचाने के लिए मिर्च का हवन करते हैं।’
बेलपतिया बाबा मिर्च का हवन 12 वर्षों से कराते आ रहे हैं। सावन के शुरुआत, त्रयोदशी और सावन के समापन को लाल सूखे मिर्च का हवन कराते हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि बाबा कई वर्षों से गांव के मंदिर में निवास करते हैं। आसपास के लोगों समेत बाबा से भेंट करने के लिए दूरदराज से लोग आकर दर्शन करते हैं। लोगों का कहना है कि बाबा से जो लोग भी अपना दुख प्रकट करते हैं बाबा निवारण करने का दावा करते हैं।
इधर, डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि 12 वर्षों के बिना अन्न खाए रहना अपने आप में एक एक बड़ा चैलेंजिंग है। लेकिन अध्यात्म में ऐसे अविश्वसनीय घटनाएं होती रहती है। आदमी बिना ग्लूकोज के दो सप्ताह तक जीवित रह सकता है। हो सकता है संत ऐसे फूल पत्तियों का सेवन कर रहे हो, जिनसे उनके शरीर को उचित मात्रा में ग्लूकोज, विटामिंस और मिनरल्स मिल रहे हो। लेकिन ऐसा होना अपने आप में आश्चर्य है।
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