बिहार के सरकारी अस्पताल में एक बार फिर से बड़ी लाप’रवाही देखी गई है. गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रखे बुजुर्ग के श’व को चूहों ने बुरी तरह से कु’तर दिया. घ’टना 24 जुलाई की रात की बताई जा रही है. जब 25 तारीख की सुबह मृ’तक के परिजन शव लेने के लिए पहुंचे तो वो भी दंग रह गए.
परिजनों ने देखा कि शव के चेहरे को चूहों ने बुरी तरह से कुतर कर दिया है, जिसके बाद अस्पताल में परिजनों द्वारा हंगामा शुरू कर दिया और देखते ही देखते चारों तरफ खलबली मच गई.
इस खबर को दबाने का भी काफी प्रयास किया गया लेकिन हो हंगामा के कारण मामला बढ़ गया. यह मामला पहला नहीं है. इस तरह के पहले भी कई मामले सामने आये हैं. दरअसल नवादा जिला के गोविंदपुर थाने के विष्णुपुर गांव के रहने वाले 84 वर्षीय रामजी तिवारी को इलाज के लिए में पारिजन बीते 21 जुलाई को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराये था. 24 जुलाई की रात इलाज के दौरान उनकी मौ’त हो गई.
मृतक के परिजन अस्पताल में मौजूद नहीं थे इस कारण वो लोग अगले दिन सुबह शव को लेने पहुंचे तब तक बॉडी को पास में सुनसान जगह पर रख दिया गया था. जब परिजन शव को लेने के लिए पहुंचे तो देखा गया कि मृतक के चेहरे को चूहों ने बुरी तरह से कुतर दिया गया है. परिजन ने बताया कि 21 जुलाई को अपने पिता रामजी तिवारी को इलाज के लिए मगध मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया था जहां इमरजेंसी में उनका इलाज किया जा रहा था. 24 जुलाई की रात 9 बजे के बाद उनकी मौत हो गई हालांकि उस समय परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था.
किसी के नहीं रहने के कारण कर्मचारियों से आग्रह किया था कि शव को सुबह ले जाएंगे जबकि कर्मचारियों ने शव को रिसीव रात में ही करवा लिया ,लेकिन बॉडी को इमरजेंसी के अंदर बनी सीढ़ी के नीचे रख दी. जब हम लोग सुबह में पहुंचे तो देखा कि चेहरे के कुछ हिस्से को चूहे कुतर के खा गए हैं. इसकी शिकायत जब कर्मचारियों से की गई तो कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
इस मामले में मगध मेडिकल अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ एनके पासवान ने कहा कि लापरवाही को देखते हुए इमरजेंसी विभाग के वार्डों के कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त हिदायत दिया गया है कि किसी भी शव को मोर्चरी में ही रखना है. किसी भी हालत में दूसरी जगह पर शव को नहीं रखना है हालांकि इस तरह के मामले सामने आए हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
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