बिहार में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग होने से सियासी गलियारे में खलबली मच गई है। विपक्ष के कम से कम आठ विधायकों ने यशवंत सिन्हा के बजाय एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल का दावा है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायक लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के थे। द्रौपदी मुर्मू को बिहार में 133 वोट मिले।
बिहार विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन के पास 127 विधायक हैं। इनमें से बीजेपी के 77, जेडीयू के 45, हम के चार और एक निर्दलीय विधायक हैं। बीजेपी MLA सुभाष सिंह ने तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
वहीं, काउंटिंग के दौरान बिहार के दो विधायकों के वोट खारिज कर दिए गए। इनमें से एक बीजेपी का बताया जा रहा है। इन आंकड़ों के अनुसार द्रौपदी मुर्मू को 125 वोट मिलने चाहिए थे, मगर उन्हें 133 वोट मिले। जबकि विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को राज्य में 106 वोट ही मिले। यानी कि मुर्मू को उम्मीद से आठ वोट ज्यादा मिले।
संजय जायसवाल बोले- विधायकों ने अंतरआत्मा की आवाज सुनी
बता दें कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि आरजेडी के आठ विधायकों ने अपने अंतर्आत्मा की आवाज सुनी और पार्टी लाइन से परे जाकर मूर्मु को वोट दिया। एनडी उम्मीदवार को देशभर से समर्थन मिला है, कई और राज्यों में भी क्रॉस वोटिंग हुई है।
आरजेडी और कांग्रेस का क्रॉस वोटिंग से इनकार
बिहार विधानसभा में आरजेडी के चीफ व्हिप ललित यादव ने क्रॉस वोटिंग के दावे को खारिज किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आरजेडी में किसी भी विधायक ने पार्टी के खिलाफ कदम नहीं उठाया है। किसी और दल में क्रॉस वोटिंग हुई होगी।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी पार्टी विधायकों द्वारा क्रस वोटिंग किए जाने की खबर से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं और उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार को वोट दिया था।
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