सीतामढ़ी : सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुक्रवार से जिले में शुरू हो गया। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एके झा ने पखवाड़े का उद्घाटन सदर अस्पताल में बच्चों को ओआरएस का पैकेट देकर किया। इस मौके पर डॉ. एके झा ने बताया कि जिले के 5 लाख 93 हजार 983 घरों में आशा कार्यकर्ता जायेंगी और पांच साल तक के बच्चों को ओआरएस का पैकेट निःशुल्क देंगी। इसके अलावा वे परिवार के सदस्यों को साफ–सफाई, हाथ धोने के तरीके की जानकारी, दस्त होने की स्थिति में जिंक की कमी को पूरा करने का तरीका बताएंगी।
ये अभियान आगामी 30 जुलाई तक जिले में चलेगा। साथ ही जो दस्त रोग से ग्रसित होंगे, उन्हें लक्षित कर उनका समुचित उपचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पखवाड़े में प्रयास किया जायेगा कि किसी भी बच्चे में निर्जलीकरण की स्थिति होने पर घर में ही तत्काल ओआरएस तथा जिंक टैबलेट के माध्यम से प्रबंधन हो सके। उद्घाटन के मौके पर डीपीएम आशीत रंजन, अस्पताल प्रबंधक विजय कुमार झा, यूनिसेफ से नवीन कुमार श्रीवास्तव, हाशमी, जयकिशोर सिंह, यूएनडीपी के अरविंद कुमार, पीसीआई प्रतिनिधि कुमार अभिषेक, पिरामल से दिव्यांक, कोल्ड चेन टेक्नीशियन अमन कुमार वर्मा आदि उपस्थित थे।
पखवाड़े को लेकर दिए गए निर्देश:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एके झा ने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा को हर हाल में सफल बनाने को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही माइक्रो प्लान तैयार कर उक्त पखवाड़ा के सफल संचालन के लिए निर्देश दिया गया है। ताकि हर हाल में निर्धारित समय में पखवाड़े का सफलतापूर्वक संचालन सुनिश्चित हो सके।
अति संवेदनशील क्षेत्र को प्राथमिकता:
डॉ. झा ने बताया कि पखवाड़े के दौरान अति संवेदनशील क्षेत्र जैसे शहरी झुग्गी झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय और ऐसे चिह्नित क्षेत्र, जहां दो-तीन वर्ष पहले तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाए गए हैं वहां विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मौसम में लगातार बदलाव के कारण डायरिया की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में हमें विशेष सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। डायरिया से बचाव को लिए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए।
डायरिया होने पर 14 दिनों तक जिंक का सेवन करें:
डायरिया होने पर लगातार 14 दिनों तक जिंक का सेवन करें। दो माह से छः माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली दस मिग्रा. पानी में घोलकर या मां के दूध के साथ घोलकर चम्मच से पिलाएं। 06 माह से 05 साल के बच्चों को एक गोली साफ पानी के साथ मां के दूध में घोलकर पिलाएं। जबकि, दो माह से कम आयु के बच्चों को 05 चम्मच ओआरएस प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। 02 माह से दो वर्ष तक बच्चे को 1/4 ग्लास से 1/2 ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को आधा ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। जिंक सेवन से दस्त और तीव्रता दोनों कम होता है।
ये हैं डायरिया के लक्षण :
मल का ज्यादा पतला या पानी जैसा होना ही डायरिया (दस्त) का पहला लक्षण है। इसके अलावा बच्चा बेचैन व चिड़चिड़ा रहा हो, अथवा सुस्त या बेहोश हो, बच्चे को बहुत ज्यादा प्यास लगना अथवा पानी नही पीना, चिकोटी काटने पर पेट के बगल की त्वचा खींचने पर धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आना अर्थात त्वचा के लचीलेपन में कमी अदि आ रहा तो ये डायरिया के लक्षण है।
Be First to Comment