मुजफ्फरपुर : सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रति’बंध लगने के बाद छापेमारी के लिए निकली नगर निगम की टीम का गोला मंडी में जमकर वि’रोध किया गया। व्यवसायियों ने टीम के सदस्यों को घेर लिया और हंगा’मा करने लगे। इस कारण पहले दिन नौ दुकानदारों से 20 हजार रुपये जुर्मा’ना वसूला गया। दुकानों से पॉलीथिन के कैरी बैग, पॉलीशीट व थर्मोकोल जब्त किए गए।
टीम सरैयागंज टावर चौक से पुरानी बाजार नाका तक अभियान चलाकर लौट गई। इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों का फोन छापेमारी के लिए निकली टीम के सदस्यों को आया। गोला मंडी में पॉलीथिन कैरी बैग के बजाय ज्यादातर दुकानदार कपड़े जैसा दिखने वाले रेशे वाले कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहे थे। टीम ने इसपर भी प्रतिबंध की बात बताई।
टीम का कहना था कि अधिसूचना में इसे भी प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि इसमें थर्मोकोल और पॉलीथिन के रेशे हैं। पंकज चौधरी की दुकान में जुर्माना की रसीद काटी गई। इसको लेकर व्यवसायियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। व्यवसायियों का कहना था कि पिछले साल प्रतिबंध लगने के बाद इसी कैरी बैग को विकल्प बताया गया था। अब यदि इसे भी प्रतिबंधित किया जा रहा है तो दुकानदारों को इसके लिए प्रशासन को समय देना चाहिए ताकि विकल्प में कागज का ठोंका व बैग बनवाया जा सके। करीब आधे घंटे तक गोला मंडी में हंगामा होता रहा। दुकानदारों ने नारेबाजी भी की।
इधर, डिस्पोजल पत्ता-प्लेट व्यवसायी संघ के जिलाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश पर सभी व्यवसायियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद कर दिया है। अगर यदि कुछ नजर आए तो जानकारी दें और उन्हें विकल्प बताएं। इसके बाद विभाग के निर्देश का पालन नहीं करने पर फाइन काटें।
शहर के सब्जी व फल दुकानों में पॉलीथिन में ही बिके सामान
शहर के अधिकांश सब्जी मंडी और फल दुकानों में पॉलीथिन कैरी बैग में ही बिक्री के सामान दिए गए। रिहायशी इलाके व गलियों की किराना दुकानों में भी पॉलीथिन बैग का ही इस्तेमाल करते देखा गया। इसपर नगर आयुक्त ने कहा कि सभी जगहों पर दबिश पड़ेगी। छोटे दुकानों में भी पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कोई असर नहीं दिख रहा है।
कार्रवाई में अड़ंगा डालने पर होगी एफआईआर
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाएगा। अभियान का पहला दिन होने के कारण कम जुर्माना हुआ है। अब अगले दिन से सख्ती बरती जाएगी। पॉलीथीन प्रतिबंध का विरोध करने वालों को पांच साल कैद तक की सजा हो सकती है। निगम की टीम हठी दुकानदारों के खिलाफ थाने में एफआईआर भी दर्ज कराएगी। इसलिए अधिसूचना में दी गई सामग्रियों के इस्तेमाल व बिक्री पूरी तरह से व्यवसायियों को बंद करनी पड़ेगी।
Be First to Comment