मुजफ्फरपुर : गोंडा व बैण्डेल में नन इंटरलॉकिंग कार्य और बड़हिया में आंदोलन के दौरान ट्रेनें रद्द किए जाने से एक लाख 21 हजार यात्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी। इससे रेलवे की 92 करोड़ 52 लाख रुपये की कमाई डूब गई।
पिक सीजन में 55 ट्रेनें रद्द करने से उत्तर बिहार के यात्रियों को भारी परेशानी से जूझना पड़ा। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, हाजीपुर, बरौनी व सहरसा आदि स्टेशनों से उत्तर भारत के प्रमुख शहरों के लिए जारी एक लाख 21 हजार कंफर्म टिकट रद्द किए गए। ये टिकट 15 से 31 मई के दौरान रद्द किए गए। इस कारण बड़ी संख्या में यात्री मोटी राशि खर्च कर सड़क से अपने गंतव्य तक पहुंचे।
वहीं, कई यात्रियों ने दलालों को मनमानी राशि चुकाकर दूसरी ट्रेनों की टिकट ली। गोंडा में नन इंटरलॉकिंग कार्य को लेकर 17 मई से 8 जून तक के लिए उत्तर बिहार व उत्तर भारत के बीच चलने वाली 18 जोड़ी ट्रेनें अलग-अलग तिथियों में रद्द कर दी गईं। दिल्ली, पंजाब व लखनऊ जाने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनें रद्द होने से यात्रियों को कॉलेजों में दाखिले से लेकर अस्पतालों में इलाज कराने में परेशानी झेलनी पड़ी।
पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि नन इंटरलॉकिंग कार्य संपन्न होते ही ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा। यात्रियों की सहूलियत के लिए ट्रेनें अलग-अलग तिथियों में रद्द की गई हैं।
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