आईएएस पूजा सिंघल और उनके करीबियों के खि’लाफ चल रही ईडी की कार्रवाई इन दिनों सुर्खियों में है। अखबार से लेकर सोशल मीडिया तक सबसे अधिक चर्चा इसी मामले की हो रही है।
झारखंड हाईकोर्ट भी इससे अछूता नहीं है। हाईकोर्ट के एकलपीठ में एक मामले में शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव की पेशी थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान जज ने मुख्य सचिव से कहा – एक सीनियर आईएएस जेल गयीं तो उन्हें मच्छर काटने लगे। उन्हें गंदगी दिखी तो आईएएस अधिकारी को गुस्सा आ गया और उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारी को लेकर फटकार लगा दी। जज ने कहा कि किस बात का वेतन लेते हैं। वेतन लेते हैं तो काम क्यों नहीं करते।
जज ने मुख्य सचिव से कहा कि जब अधिकारी उच्च पदों पर रहते हैं तो व्यवस्था क्यों नहीं सुधारते। जब खुद पर बीतती है तो सब कुछ नजर आता है। अदालत ने कटाक्ष करते हुए मुख्य सचिव से कहा कि जेल में फॉगिंग मशीन भेज दीजिए ताकि वीआईपी के साथ आम कैदियों को भी मच्छर से कुछ राहत मिल जाए।
अदालत ने कहा कि जेल में सभी कैदियों को अधिसूचित सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता और सभी कैदियों का यह अधिकार भी है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने जेल में कैदियों को मिलने वाली सभी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया और कहा कि जेलों की वर्तमान स्थिति पर भी सरकार को रिपोर्ट मांग कर वहां की समस्याएं दूर करनी चाहिए, ताकि आम कैदियों को इसका लाभ मिल सके।
बिरसा मुंडा कारा प्रशासन का दावा है कि जेल में कैदियों को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। नियमित तौर पर फॉगिंग भी होती है। 15 दिन पहले भी फॉगिंग की गयी थी। जेल में सफाई भी है। सफाई के लिए 150 बंदियों को रखा गया है। सफाई नियमित होती है।
कोर्ट की टिप्पणी
● जब अधिकारी उच्च पदों पर रहते हैं तो व्यवस्था क्यों नहीं सुधारते
● जब खुद पर बीतती है तो सब कुछ नजर आता है
● जेल में फॉगिंग मशीन भेजिए ताकि वीआईपी के साथ आम कैदियों को मच्छरों से राहत मिले
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार की स्थिति
●3666 कैदियों के रहने की है क्षमता
●3520 पुरुष और 146 महिला कैदी की है व्यवस्था
●3318 कुल कैदी बंद है बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में
●150 कैदी बंदी की सफाई काम में लगाए गए हैं
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