बिहार के सरकारी अस्पतालों में फैली अव्यव’स्थाओं की तस्वीरें अक्सर सामने आती रही हैं। कभी किसी मरी’ज की द’वा और डॉक्टरों के अभा’व में मौ’त हो जाती है तो कभी अस्पताल में मौ’त के बाद श’व को ले जाने के लिए एंबु’लेंस नहीं मिलता हैं। ऐसा ही मामला सामने आया बिहारशरीफ़ सदर अस्पताल का हैं। मिली जानकारी के अनुसार, बिहारशरीफ सदर अस्पताल में एक बच्चे की मौ’त हो जाती है। बच्चे के श’व को लेकर पिता इधर उधर भट’कता रहा लेकिन उसे एंबु’लेंस नहीं मिला। थ’क हा’र कर उसने 102 नंबर पर फोन किया तो वहां से भी उसे निरा’शा ही हाथ लगी। अंत में बच्चे के श’व को गोद में लेकर सदर अस्पताल से अपने घर को चला गया।
जानकारी के अनुसार बेन थाना इलाके के निवासी का बेटा खेलने के दौरान छत पर से गि’र गया, जिसके बाद उसे निजी क्ली’निक में भ’र्ती कराया गया। शनिवार को बच्चे की हा’लत बिग’ड़ने पर उसे निजी क्लीनिक के डॉक्टर ने ने पटना रेफर कर दिया। अपने बेटे को लेकर वह बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंचा।
अस्प’ताल में तैनात डॉक्टर ने देखने के बाद बच्चे को मृ’त घो’षित कर दिया। जिसके बाद वह अपने बच्चे के श’व को लेकर इधर से उधर भट’कता रहा पर किसी ने उसे श’व ले जाने के लिए एम्बु’लेंस उपलब्ध कराने का जहमत नहीं उठाया। किसी ने उसे 102 नबंर पर डायल कर फ्री में एम्बु’लेंस की बात बताई। कई बार उसने कोशिश किया पर किसी तरह का कोई जबाब नहीं मिला। अंत में वह थकहार कर बच्चे के श’व को गोद में लेकर अस्पताल से चला गया। जबकि इस पूरे मामले पर अस्पताल के डीएस डॉ ने बताया कि किसी ने अस्पताल प्रबंधन से एंबु’लेंस की मांग की ही नहीं। एसएनसीयू में मौजूद चिकित्सक ने बच्चे को मृ’त घो’षित कर दिया था। उस वक्त भी पूछा गया कि अगर एंबु’लेंस से श’व ले जाना चाहते है तो मुफ्त में मिल जाएगा। इसपर उसने कोई जबाब नहीं दिया और बच्चे को वहां से लेकर चला गया।
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