देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी हैं। ओमिक्रॉन ने भारत में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा हैं की इस नए वेरिएंट का असर इतना घातक हो सकता हैं की वैक्सीन को भी मात दे सकता हैं।
डिजिटिल कम्युनिटी आधारित प्लैटफॉर्म लोकल सर्कल की ओर से किए गए ताजा सर्वे के मुताबिक, हर तीन में से एक भारतीय ने कहा कि उनके इलाके में अधिकतर लोग घर से बाहर निकलने से पहले मास्क नहीं पहनते हैं। अप्रैल में किए गए इस सर्वे में देश के 364 जिलों के 25 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया था। तब 29 फीसदी लोगों ने मास्क अनुपालन को ऊंचा बताया था। यह सितंबर में गिरकर 12 फीसदी और नवंबर में 2 फीसदी रह गया हैं। समय की मांग है कि लोगों को मास्क की प्रभावशीलता के बारे में शिक्षित किया जाए क्योंकि तीन में से दो भारतीय अभी भी कपड़े के मास्क पहने हुए हैं जो COVID-19 से सीमित सुरक्षा प्रदान करते हैं। लोकल सर्किल के फाउंडर सचिन तपारिया ने कहा, ”यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और जिला प्रशासन ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनजर मास्क अनुपालन के बारे में जागरूकता पैदा करने और इसका पालन नहीं करने पर सजा का तंत्र पेश करे।” इस पर सचिन का कहना हैं की, इंडोर स्पेस में बैठ दो लोग यदि बिना मास्क के हैं तो महज 10 मिनट में ही एक दूसरे को संक्रमित कर सकते हैं, जबकि यदि दोनों N-95 मास्क पहनकर रखेंगे तो संक्रमित होने में 600 घंटे लगेंगे। ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में वैज्ञानिक चिंतित हैं। एक सप्ताह के भीतर यह 40 देशों तक फैल चुका है।
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