आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एफआई दर्ज कराने के बाद बीजे’पी विधाय’क ललन पास’वान ने कहा कि मैं गरीब हूं पर बिकाऊं नहीं। कुछ दिन पहले ही कथित तौर पर लालू ने ललन पास’वान को बिहार विधानसभा अध्यक्ष चुनाव में महागठ’बंधन उम्मी’दवार का साथ देने के लिए प्रलोभन दिया था। इसी मामले में विधा’यक ने पटना में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद पत्र’कारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार का सबसे गरीब विधा’यक होने के साथ ही मैं दलित हूं। यह आम धारणा है कि दलित व गरीब आदमी बि’काऊ होता है। यह धारणा कब बदलेगी। सा’माजिक न्याय के पुरोधा कहे जाने वाले लालू प्रसाद ने जिस तरह से फोन कर मुझे खरी’दने की कोशिश की, उससे दुखी हूं।
गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में ललन पास’वान ने कहा कि मैं पढ़ा-लिखा और स्वाभि’मानी हूं। राष्ट्रवादी राज’नीति कर रहा हूं। हमने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत निगरानी थाने में मुकद’मा किया है। मुझे कानून पर भरोसा है और उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले जब बात’चीत का हवाला दिया तो ऑडियो की मांग की गई। जब ऑडि’यो सामने आया तो अब राजद इसे झूठा बताने में लगा है। हकीकत है कि अगर देश में लोक’तंत्र नहीं होता तो लालू प्रसाद हों या मुझ जैसा गरीब ललन पा’सवान जैसा आदमी, कोई जानने वाला नहीं होता। लेकिन लालू प्रसाद लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मैं एक सा’धारण का’र्यकर्ता हूं और रहूंगा।
ललन पासवान ने कहा कि 20 वर्षों से सामा’जिक जीवन में हूं। मुझ जैसे नए और लोकतंत्र में पूरी आस्था रखने वाले विधा’यक के साथ जिस तरह से लालू प्रसाद ने प्रलोभन देने की को’शिश की है, यह अत्यंत चिंताज’नक है। मुझे इस बात का बहुत अफ’सोस है। पहले मैं तो बहुत खुश हुआ था कि एक बड़े राज’नेता ने मुझे विधा’यक चुने जाने पर बधाई देने के लिए फोन किया है। लेकिन जब उन्होंने मुझे सर’कार गिराने की साजि’श में शामिल करने की कोशिश की तो दुख हुआ। मौके पर मंत्री पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान, प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल, प्रदेश मीडि’या प्रभारी अशोक भट्ट व एससी मोर्चा के अध्यक्ष अजीत चौधरी भी मौजूद थे।
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