पूर्वी चंपारण जिले के छौड़ादानो प्रखंड के नरकटिया गांव में गुरुवार को अगलगी की एक हृदयविदारक घटना में तीन बहनें जिंदा जल गयीं. तीनों अपनी मां के साथ ननिहाल में रहती थीं. उनकी पहचान नरकटिया के संजय साह की बेटी ममता देवी की पुत्री मुस्कान कुमारी (6), पायल कुमारी (5) और संतोषी कुमारी (2) के रूप में हुई है. इस घटना में एक दर्जन मवेशी जलकर मर गये.

जानकारी के अनुसार संजय साह की पत्नी मंजू देवी नरकटिया में अशोक साह का घर किराए पर लेकर अपनी पुत्री ममता देवी (23) और उसकी तीन बेटियों के साथ रहती थी. मंजू देवी नरकटिया मध्य विद्यालय में रसोइया का काम करती है. संजय साह रक्सौल में किसी दुकान पर काम करते हैं.


भाड़े के घर की दीवाल फूस की थी. ऊपर करकट की छत थी. घटना के समय मंजू देवी विद्यालय में खाना बनाने गयी थी. घर पर केवल ममता देवी और उसकी तीनों बच्चियां थीं. खाना बनाने के बाद ममता देवी ने मुस्कान और पायल को खाना खिला कर सुला दिया था. छोटी बच्ची संतोषी खेल रही थी. इसी बीच गाय की एक बछिया खुल कर भागने लगी.


ममता देवी उसे पकड़ने चली गयी, तभी हवा के झोंके से चूल्हे से उड़ कर घर में आग पकड़ ली. आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पूरे घर को अपनी आगोश में ले लिया. बच्चियों और मवेशियों को घर से बाहर भागने तक का मौका नहीं मिला. ग्रामीणों ने फोन कर घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी. इसके बाद रक्सौल, आदापुर और छौड़ादानो से तीन अग्निशमन गाड़ी मंगायी गयी. तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था. दो बच्चियों की मौत घटनास्थल पर हो चुकी थी.


एक बच्ची ने इलाज के लिए ले जाते समय दम तोड़ दिया. घर में बंधी तीन गायें और आधा दर्जन बकरियां भी जल कर मर चुकी थीं. घटना के बाद गांव में मातम पसरा गया. सूचना पर स्थानीय अंचलाधिकारी ऋषभ सिंह यादव, बीडीओ वासिक हुसैन, मनरेगा पीओ हंसनाथ साह और दरपा थानाध्यक्ष उमाशंकर मांझी पुलिस बल के साथ पहुंचे. घटना की जांच की.


छौड़ादानो मवेशी अस्पताल की टीम एंबुलेंस के साथ पहुंच कर घायल पशुओं का इलाज किया. सीओ ने बताया कि क्षति का आकलन कर रिपोर्ट भेजी जा रही है. बीडीओ वासिक हुसैन ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत परिजनों को तत्काल सहायता राशि देने की बात कही. पुलिस ने तीनों बच्चियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल मोतिहारी भेज दिया है.

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