बिहार के मुंगेर जिले में विस’र्जन के दौरान फाय’रिंग के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है. दरअसल लिपि सिंह का कहना था कि भीड़ की फाय’रिंग में युवक की मौ’त हुई थी. लेकिन लिपि सिंह गलत साबित हुई हैं. घटनास्थ’ल पर तैनात सीआईएसएफ की टीम ने अपने आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है. इस रिपो’र्ट में यह साफ़ साफ़ कहा गया है कि 26 अक्टूबर को भीड़ ने नहीं बल्कि पुलिस ने फाय’रिंग की. बाद में अर्ध’सैनिक बालों ने फाय’रिंग की.
गौरतलब है कि मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह ने ये आरो’प लगाया था कि दुर्गा प्रतिमा विर्सजन जुलूस के दौरान उपद्र’वियों ने फाय’रिंग की थी और उनकी फाय’रिंग से ही एक युवक की मौत हो गयी थी. जबकि रि’पोर्ट में खुलासा साफ़ कर देता है कि फाय’रिंग मुंगेर पुलिस ने ही की थी. सीआईएसएफ की आंत’रिक रिपोर्ट में लिपि सिंह का आ’रोप झूठ साबित हुआ है.
मुंगेर की घट’ना के बाद सीआईएसएफ के डीआईजी ने अपने मुख्’यालय को रिपोर्ट भेजी है. दर’असल चुना’व के मद्दे’नजर मुंगेर में सीआईएसएफ की टीम को तै’नात किया गया था. मुंगेर की एसपी ने दुर्गा प्रतिमा विर्स’जन जुलूस के दौ’रान इस टीम का उप’योग किया था. इसके मद्देन’जर ही CISF के डीआईजी ने अपनी रि’पोर्ट भेजी है.
क्या लिखा है सीआईएसएफ की रिपो’र्ट में सीआईएसएफ के डीआईजी की रि’पोर्ट के मुताबि’क ‘मुंगेर कोतवा’ली थाना के कहने पर सीआईएसएफ की टीम को मूर्ति विस’र्जन जुलूस की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजा गया था. 26 अक्टूबर की रात 11 बजक’र 20 मिनट पर CISF के 20 जवा’नों की टुकड़ी तैनात हुई. मुंगेर पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो ग्रुप में बांट दिया. एक ग्रुप को SSB और बिहार पुलिस के जवानों के साथ मुंगेर के दीन’दयाल उपा’ध्याय चौक पर तै’नात किया गया.
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