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नया बिहार या फंडिंग का हो रहा खेल? जदयू ने बताई प्रशांत किशोर के दावों की असली हकीकत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पिछले कुछ दिनों से प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के लिए हो रही फंडिंग पर सवाल उठा रही है। जेडीयू ने एक बार फिर से जन सुराज पार्टी और उसके नेता प्रशांत किशोर के दावों की हकीकत बताया है। जेडीयू ने दावा किया है कि प्रशांत किशोर बिहार में फंडिंग का बड़ा खेल खेल रहे हैं। जेडीयू ने जन सुराज पार्टी के वित्तीय स्त्रोतों पर सवाल उठाए हैं।दरअसल, जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार एवं जदयू नेता अजीत पटेल ने प्रशांत किशोर की राजनीतिक गतिविधियों एवं जन सुराज और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा तक सामने नहीं आता, प्रशांत किशोर स्वयं को पार्टी का संरक्षक बताते हैं, लेकिन चुनाव आयोग के दस्तावेजों में उनका नाम दर्ज नहीं है। इससे पार्टी के वास्तविक नेतृत्व और नियंत्रण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।जेडीयू ने दावा किया है कि प्रशांत किशोर की पार्टी को प्रत्यक्ष रूप से फंडिंग नहीं मिल रही, बल्कि ‘Joy of Giving Global Foundation’ नामक NGO को आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है। इस NGO का वित्तीय प्रबंधन संदिग्ध व्यक्तियों के हाथों में है, जो बार-बार अपने निदेशकों को बदलते रहते हैं। राजनीतिक उ‌द्देश्यों के लिए NGO का इस्तेमाल कानूनी और नैतिक रूप से गलत है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस NGO को 48.75 करोड़ रुपये की डोनेशन प्राप्त हुई, जिसमें सबसे बड़ा डोनेशन (₹14 करोड़) रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से आया है। बिहार की राजनीति के लिए ज्यादातर चंदा तेलंगाना और हैदराबाद की कंपनियों से क्यों आ रहा है, यह भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

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